नई दिल्ली।अमेरिका से पीएचडी करने वाले विदेशी नागरिकों को H1B वीजा नियमों से छूट दिए जाने की वकालत करने वाले एक विधेयक को प्रतिनिधि सभा में फिर से पेश किया गया है। इस विधेयक के अनुसार विज्ञान, प्रौद्योगिकी, अभियांत्रिकी या गणित में अमेरिकी पीएचडी धारक विदेशी मूल के नागरिकों पर अमेरिका में रोजगार आधारित ग्रीन कार्ड व एच-1बी वीजा संबंधी शर्तें लागू नहीं होनी चाहिए। ये वीजा सालाना आधार पर जारी किए जाते हैं। यह भी पढ़े: H1B Visa मामले पर जमकर बरसे सुनील भारती मित्तल, कहा- क्यों ना भारत में Facebook, Whatsapp को बंद कर दें
सांसद एरिक पॉलसन ने कहा
अमेरिका में अडवांस्ड डिग्रियां लेने के लिए दुनियाभर की बेहतरीन प्रतिभाओं का आना कोई नई बात नहीं है। हमें यह सुनिश्चित करने की हर वह कोशिश करनी चाहिए कि हमने जिन स्टूडेंट्स को यहां पढ़ाया और ट्रेंड किया, उनका इस्तेमाल अमेरिकी अर्थव्यवस्था में योगदान के लिए हो।
वीजा नियमों से छूट के लिए पेश हुआ नया बिल
सांसद एरिक पॉलसन एवं माइक क्विगले ने द स्टॉपिंग ट्रेंड इन अमेरिका पीएचडी फ्रॉम लीविंग द इकॉनमी (स्टैपल) ऐक्ट हाउस रेप्रजेंटेटिव में पेश किया। यह विधेयक भारतीयों के लिए फायदेमंद हो सकता है क्योंकि अमेरिका में पीएचडी करने वाले विद्यार्थियों में भारतीयों की संख्या काफी अधिक होती है। यह भी पढ़े: अमेरिकी सरंक्षणवाद पर RBI गवर्नर ने कहा- अगर टैलंट नहीं जुटाएंगे तो कैसे टिकेंगे Apple और IBM
इकॉनोमी को आगे बढ़ाने के लिए जरूरी है ये बिल
एरिक पॉलसन ने आगे कहा, ‘चूंकि हजारों उच्च कौशल वाले पद खाली पड़े हैं, स्टैपल ऐक्ट में यह सुनिश्चित किया गया है कि अमेरिकी कंपनियों को जरूरत के मुताबिक प्रतिभा उपलब्ध हो। उनकी डिप्लोमा डिग्री के साथ ग्रीन कार्ड या वीजा नत्थी कर देने से ये प्रफेशनल्स नए-नए आविष्कार कर सकते हैं जो हमारी इकॉनोमी को बढ़ा सकते हैं। इस संबंध में सांसद क्विगले ने कहा कि अगर अमेरिका इनोवेशन को बढ़ावा देने, आर्थिक गतिविधियों को तेज करने और वैश्विक बाजार में मजबूत प्रतिस्पर्धी बने रहने के प्रति गंभीर है तो हमें दुनियाभर के बेहतरीन प्रतिभाओं को यहां पढ़ने, काम करने और हमारे समाज में रचने-बसने की इजाजत देनी होगी। यह भी पढ़े: जेटली ने अमेरिका में उठाया H-1B वीजा मुद्दा, अमेरिकी वाणिज्य सचिव ने कहा-समीक्षा शुरू हुई फैसला नहीं हुआ
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