नई दिल्ली। वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री सुरेश प्रभु ने कहा है कि सरकार स्वर्ण उद्योग और आभूषण निर्यात को बढ़ावा देने के लिए एक एकीकृत स्वर्ण नीति तैयार कर रही है। इसे जल्दी ही जारी किए जाने की उम्मीद है। प्रभु ने कहा कि हम एक स्वर्ण नीति पर काम कर रहे हैं। हमें एकीकृत नीति की जरूरत है। अगले कुछ दिनों में हम नीति तैयार करने को लेकर सभी संबद्ध पक्षों के साथ बैठक करेंगे। हम नीति में स्वर्ण से संबद्ध सभी पहलुओं पर गौर कर रहे हैं।
यह पूछे जाने पर कि क्या मंत्रालय सोने पर आयात शुल्क में कटौती की मांग पर विचार करेगा, उन्होंने कहा कि वह उस पर भी गौर करेगा। घरेलू उद्योग सोने पर आयात शुल्क कम कर 4 प्रतिशत करने की मांग कर रहा है। फिलहाल यह 10 प्रतिशत है।
मंत्री ने कहा कि देश सोने का सबसे बड़ा ग्राहक और आयातक है, इसके बावजूद फिलहाल ऐसी कोई नीति नहीं है। उन्होंने कहा कि देश में मूल्यवर्द्धि सोने का निर्यातक बनने की क्षमता है। नीति में घरेलू स्वर्ण उद्योग तथा रत्न एवं आभूषण के निर्यात को बढ़ावा देने पर ध्यान दिए जाने की उम्मीद है। कुल वस्तु निर्यात में इस क्षेत्र की हिस्सेदारी करीब 15 प्रतिशत है।
फरवरी में, वित्त मंत्री अरुण जेटली ने सोने को एक संपत्ति वर्ग के रूप में विकसित करने के लिए एक एकीकृत गोल्ड पॉलिसी बनाने की घोषणा की थी। सरकार के थिंक-टैंक नीति आयोग ने अगस्त में सुझाव दिया था कि सरकार को सोने पर आयात शुल्क मौजूदा 10 प्रतिशत से घटाकर कम करना चाहिए और उसने यह भी सुझाव दिया था कि कीमती धातुओं पर मौजूदा 3 प्रतिशत जीएसटी को भी घटाना चाहिए।
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