नई दिल्ली। सीबीआई ने आज बताया कि उसने वड़ोदरा की कंपनी डायमंड पावर इंफ्रास्ट्रक्चर के खिलाफ एक आपराधिक मामला दर्ज किया है। कंपनी पर आरोप है कि उसने विभिन्न बैंकों के साथ 2654 करोड़ रुपए की धोखाधड़ी की है। यह कंपनी बिजली के तार और उपरकण बनाती है। सीबीआई ने कंपनी और इसके निदेशकों के खिलाफ मामला दर्ज किया है।
केंद्रीय जांच एजेंसी ने डायमंड पावर इंफ्रास्ट्रक्चर लिमिटेड और इसके निदेशकों के कार्यालयों और घरों पर भी छानबीन की है। सीबीआई ने बताया कि डायमंड पावर, जो बिजली के तार और उपकरण बनाती है, के प्रवर्तक एसएन भटनागर और उनके बेटे अमित भटनागर और सुमित भटनागर हैं, जो कंपनी में कार्यकारी भी हैं।
सीबीआई ने यह आरोप लगाया है कि डीपीआईएल ने अपने प्रबंधन के जरिये 11 बैंकों के समूह से गलत तरीके से लोन हासिल किया। कंपनी ने 2008 से लेकर 2016 के बीच बैंकों से 2654.40 करोड़ रुपए का लोन लिया। इस लोन को 2016-17 में एनपीए घोषित किया गया।
कंपनी और इसके निदेशकों ने बैंकों से यह बात छुपाई कि उनका नाम भारतीय रिजर्व बैंक की डिफॉल्टर्स लिस्ट और ईसीजीसी की चेतावनी लिस्ट में शामिल है और उन्होंने लोन हासिल किया। 2008 में बैंकों के इस समूह का नेतृत्व टर्म लोन के लिए एक्सिस बैंक और कैश क्रेडिट लिमिटे के लिए बैंक ऑफ इंडिया लीड बैंक था।
सीबीआई ने आरोप लगाया है कि कंपनी ने लीड बैंक को स्टॉक की गलत जानकारी दी और कैश क्रेडिट की लिमिट हासिल की। बैंक ऑफ इंडिया ने कंपनी को 670.51 करोड़, बैंक ऑफ बड़ौदा ने 348.99 करोड़ और आईसीआईसीआई बैंक ने 279.46 करोड़ रुपए का कर्ज दिया था।
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