नई दिल्ली: फ्लाइट में देरी होने या उसके कैंसल होने पर यात्रियों का परेशान होना लाजिमी होता है। यह दिक्कत तब और बढ़ जाती है जब इसकी वजह से उनको आर्थिक नुकसान भी उठाना पड़ता है। हालांकि अब यात्रियों को इस दिक्कत से राहत मिल सकती है। रिपोर्ट्स के मुताबिक, फ्लाइट में देरी, कैंसल या एयरलाइन की तरफ से बोर्डिंग की अनुमति नहीं देने पर यात्री जल्द ही मुआवजे के लिए दावा कर सकेंगे। सरकार ने बुधवार को पैसेंजर चार्टर जारी किया है जिसमें यात्रियों के अधिकार तय किए गए हैं।
एविएशन मिनिस्ट्री के के मुताबिक इस चार्टर को लागू करने के लिए डायरेक्टरेट जनरल ऑफ सिविल एविएशन (DGCA) को नियमों में जरूरी बदलाव करने के लिए कहा गया है। रिपोर्ट्स के मुताबिक, इसके लिए DGCA जल्द ही संशोधित नागरिक उड्डयन नियम जारी करेगा। नए नियमों के मुताबिक, यदि फ्लाइट की ओवरबुकिंग होने के कारण एयरलाइन यात्री को बोर्डिंग नहीं करने देती है और उसे किसी अन्य फ्लाइट की पेशकश भी नहीं की जाती है तो 20,000 रुपये तक के मुआवजे का दावा किया जा सकता है। जिस उड़ान में पैसेंजर को सवार होने की अनुमति नहीं दी गई है, उसके एक घंटे के अंदर वैकल्पिक उड़ान की पेशकश करनी होगी।
वहीं, यदि यात्री को फ्लाइट रद्द होने की सूचना नहीं दी जाती है तो भी वह मुआवजे का दावा कर सकता है। रिपोर्ट्स के मुताबिक, अंतिम समय में फ्लाइट कैंसल होने पर पैसेंजर 10,000 रुपये तक के मुआवजे या किराए की पूरी वापसी की रकम में से जो भी कम हो, उसका हकदार होगा। वहीं, यात्री को टिकट बुक कराने के 24 घंटे के अंदर नाम एवं अन्य विवरण में बदलाव करने की भी इजाजत होगी। इसके अलावा बैगेज गुम होने और कार्गो को नुकसान के मामले में यात्री को 20,000 रुपये तक का मुआवजा मिल सकता है।
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