नई दिल्ली। दिग्गज एफएमसीजी कंपनी नेस्ले ने मैगी नूडल मामले में सुप्रीम कोर्ट द्वारा पारित आदेश का स्वागत किया है। शीर्ष अदालत ने अपने आदेश में एनसीडीआरसी को सीएफटीआरआई की जांच को आगे की कार्यवाही का आधार बनाने के लिए कहा है।
शीर्ष अदालत राष्ट्रीय उपभोक्ता विवाद निवारण आयोग (एनसीडीआरसी) द्वारा पारित दो अंतरिम आदेशों के खिलाफ कंपनी की ओर से दायर मामले पर सुनवाई कर रहा था। एनसीडीआरसी ने उपभोक्ता मामलों के मंत्रालय की एक याचिका पर ये अंतरिम आदेश दिए थे। उपभोक्ता मामलों के मंत्रालय ने कंपनी से 640 करोड़ रुपए के हर्जाने की मांग की थी।
उल्लेखनीय है कि भारतीय खाद्य सुरक्षा एवं मानक प्राधिकरण (एफएसएसएआई) ने जून, 2015 में निश्चित सीमा से अधिक लेड (सीसा) पाए जाने के कारण नेस्ले के लोकप्रिय नूडल ब्रांड मैगी को प्रतिबंधित कर दिया था। इसके बाद कंपनी को बाजार से अपने उत्पाद वापस लेने पड़े थे और इसके बाद सरकार ने एनसीडीआरसी का रुख किया था।
नेस्ले ने बयान जारी कर कहा है कि नेस्ले इंडिया मैगी नूडल मामले में सुप्रीम कोर्ट के गुरुवार को पारित आदेश का स्वागत करती है। न्यायमूर्ति डी वाई चंद्रचूड़ की अगुवाई वाली पीठ ने कहा कि केंद्रीय खाद्य प्रौद्योगिकी अनुसंधान संस्थान (सीएफटीआरआई), मैसुरु की रिपोर्ट आगे की कार्यवाही का आधार बनेगी। इस संस्थान में मैगी नूडल के नमूनों की जांच की गई थी।
नेस्ले के मुताबिक सीएफटीआरआई का विश्लेषण दिखाता है कि मैगी नूडल के नमूनों में सीसे और अन्य सामग्री तय मानकों के अनुरूप ही थे। हालांकि नेस्ले इंडिया ने कहा कि आदेश प्राप्त होने के बाद ही अधिक जानकारी मिल सकेगी। शीर्ष अदालत ने नेस्ले द्वारा एनसीडीआरसी के अंतरिम आदेश को चुनौती दिए जाने के बाद आयोग की कार्यवाही पर स्थगन लगा दिया था।
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