RBI ने दिया बैंक खाता धारकों को बड़ा तोहफा, 16 दिसंबर से 24 घंटे व 365 दिन कर सकेंगे NEFT
मौजूदा समय में ग्राहक इस सेवा का लाभ महीने के दूसरे और चौथे शनिवार को छोड़कर प्रत्येक कार्य दिवस पर सुबह आठ बजे से लेकर शाम 7:45 बजे तक उठा रहे हैं।
नई दिल्ली। डिजिटल ट्रांजैक्शन को बढ़ावा देने के उद्देश्य से भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने 16 दिसंबर से ग्राहकों को 24 घंटे नेशनल इलेक्ट्रॉनिक फंड ट्रांसफर (एनईएफटी) के जरिये लेनदेन की सुविधा प्रदान करने की घोषणा की है। आरबीआई ने कहा है कि 16 दिसंबर से एनईएफटी सेवा 24 घंटे और 365 दिन उपलब्ध होगी। इसका मतलब है कि अवकाश के दिन भी अब एनईएफटी के जरिये धन स्थानांतरण को अंजाम दिया जा सकेगा।
मौजूदा समय में ग्राहक इस सेवा का लाभ महीने के दूसरे और चौथे शनिवार को छोड़कर प्रत्येक कार्य दिवस पर सुबह आठ बजे से लेकर शाम 7:45 बजे तक उठा रहे हैं।
आरबीआई ने शुक्रवार को एक विज्ञप्ति जारी कर सभी बैंकों से 24 घंटे एनईएफटी सुविधा के लिए आवश्यक कदम उठाने और जरूरी तैयारियां करने का निर्देश दिया है। डिजिटल ट्रांजेक्शन को बढ़ावा देने के लिए यह फैसला लिया गया है। बैंकों से कहा गया है कि वे ग्राहकों को इसका फायदा दें।
क्या है NEFT
NEFT यानी नेशनल इलेक्ट्रॉनिक फंड्स ट्रांसफर देश में बैंकों के जरिये फंड ट्रांसफर करने की एक ऑनलाइन सुविधा है। इंटरनेट के जरिये दो लाख रुपए तक के लेनदेन के लिए एनईएफटी का इस्तेमाल किया जाता है। इसके जरिये किसी भी शाखा के किसी भी बैंक खाते से किसी भी शाखा के बैंक खाते को पैसा भेजा जा सकता है। इसके लिए भेजने वाले और पैसा पाने वाले, दोनों के पास इंटरनेट बैंकिंग सेवा का होना जरूरी है। अगर दोनों खाते एक ही बैंक के हैं तो सामान्य स्थिति में कुछ सेकेंड्स के अंदर पैसा ट्रांसफर हो सकता है।
2020 में एनईएफटी शुल्क से मिल सकती है मुक्ति
नए साल में ग्राहकों को बैंकों की ओर से नई सौगात मिल सकती है। जनवरी 2020 से ग्राहक को बैंकों से एनईएफटी (नेशनल इलेक्ट्रॉनिक फंड ट्रांसफर) के जरिये किये जाने वाले लेनदेन के लिए कोई शुल्क नहीं देना होगा। नोटबंदी की तीसरी वर्षगांठ पर डिजिटल लेनदेन को बढ़ावा देने के उद्देश्य से भारतीय रिजर्व बैंक ने इस संबंध में एक प्रस्ताव पेश किया है।
केंद्रीय बैंक ने पार्किंग और पेट्रोल पंपों पर भुगतान के लिए फास्ट टैग का इस्तेमाल करने के लिए जरूरी व्यवस्था किए जाने का प्रस्ताव रखा है। अक्टूबर 2018 से सितंबर 2019 के बीच कुल गैर-नकद खुदरा भुगतान में डिजिटल भुगतान की हिस्सेदारी 96 प्रतिशत रही है। इसी अवधि में राष्ट्रीय इलेक्ट्रॉनिक कोष हस्तांतरण (एनईएफटी) और एकीकृत भुगतान इंटरफेस (यूपीआई) प्रणालियों से क्रमश: 252 करोड़ और 874 करोड़ रुपए का लेनदेन हुआ है। सालाना आधार पर इनके लेनदेन में क्रमश: 20 प्रतिशत और 263 प्रतिशत की वृद्धि हुई है।
केंद्रीय बैंक ने एक बयान में कहा कि भुगतान प्रणालियों में इस उल्लेखनीय वृद्धि की वजह रिजर्व बैंक द्वारा इस संबंध में कई कदम उठाया जाना है। ऐसे में अब हर नागरिक को असाधारण भुगतान अनुभव के लिए सशक्त करने के लिए रिजर्व बैंक ने बैंकों को निर्देश दिया है कि एनईएफटी प्रणाली के तहत बचत खातों से किए जाने वाले ऑनलाइन लेनदेन के लिए ग्राहकों से कोई शुल्क ना लिया जाए।