कोविड-19 वैक्सीन विनिर्माताओं को उत्पादन बढ़ाने के लिए सहायता दे सरकार: फिक्की
सरकार ने अगस्त 2021 तक 30 करोड़ लोगों को टीका लगाने का लक्ष्य रखा। देश में अब तक 10.85 करोड़ लोगों को कोविड टीकाकरण की कम से कम एक खुराक मिल चुकी है
नई दिल्ली। कोविड-19 वैक्सीन विनिर्माताओं को उत्पादन बढ़ाने के लिए प्रोत्साहन दिये जाने की आवश्यकता है। उद्योग मंडल फिक्की ने मंगलवार को यह राय दी है। फिक्की ने कहा है कि सरकार को ऐसे उन टीका विनिर्माताओं को तत्काल एवं पर्याप्त अनुदान और सब्सिडी का प्रावधान करने की जरूरत है, जो देश में पहले से ही कोविड टीके को विकसित कर रहे हैं या बना रहे हैं। फिक्की ने एक बयान में कहा, ‘‘टीका विनिर्माताओं को उत्पादन के लिए अपनी क्षमताओं को बढ़ाने के लिए उन्हें प्रोत्साहित किए जाने की तत्काल एवं महत्वपूर्ण आवश्यकता है। चूंकि सरकार द्वारा टीकों की लागत पर मूल्य की एक सीमा लगा दी गई है, इसलिए टीका निर्माताओं को उत्पादन बढ़ाने के लिए उचित प्रोत्साहन देने की आवश्यकता है।’’
उद्योग संगठन ने टीके के निर्माताओं को समर्थन देने के लिए पीएलआई की तरह की योजना के तहत वित्तपोषण करने की सिफारिश की है। आपातकालीन उपयोग के लिए रुस में विकसित कोविड-19 वैक्सीन स्पुतनिक को मंजूरी दिये जाने का स्वागत करते हुए, उद्योग निकाय ने कहा कि बाकी जगहों में जो टीका सिद्ध एवं सफल रहा है उसे भारत में जल्द से जल्द लाने के प्रयासों को प्रोत्साहित किया जाना चाहिए ताकि आपूर्ति श्रृंखला बरकरार रहे। फिक्की ने कहा, ‘‘देश में इस तरह के टीकों के निर्माण के साथ-साथ अंतर्राष्ट्रीय टीकों के आयात और बिक्री के बारे में विचार किया जाना चाहिए। कई राज्य पिछले कुछ दिनों से कोविड टीकों की कमी का सामना कर रहे हैं, जिनमें पंजाब, राजस्थान, उत्तराखंड, उत्तर प्रदेश, झारखंड और बिहार जैसे स्थान शामिल हैं।
फिक्की ने कहा, ‘‘अगस्त 2021 तक भारत प्राथमिकता वाले 30 करोड़ की आबादी का टीकाकरण करने का इरादा रखता है। देश में 10.85 करोड़ लोगों को कोविड टीकाकरण की पहली खुराक लगने और प्रति दिन 30 लाख टीकाकरण करने के मौजूदा दर को ध्यान में रखते हुए हमें प्राथमिकता समूह वाले लोगों को टीके की दो खुराक देने के लिए 38 करोड़ से अधिक टीके के खुराक की आवश्यकता होगी। रिपोर्ट्स के मुताबिक, भारत सरकार के पास अगले कुछ दिनों के लिए पाइपलाइन में 2.04 करोड़ खुराक हैं। उन्होंने कहा, ‘‘मौजूदा रणनीति और टीकाकरण की दर को देखें तो हमें 18-45 वर्ष के आयु वर्ग के लोगों के टीकाकरण के लिए टीकों की कमी होगी। इस आयु वर्ग के लोग आर्थिक गतिविधियों को संचालित करते रहने वाले कार्यबल का प्रमुख हिस्सा हैं।’’
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