नयी दिल्ली। राष्ट्रीय कंपनी विधि न्यायाधिकरण (एनसीएलटी) मंगलवार को सुरक्षा समूह की कर्ज के बोझ से दबी रियल्टी कंपनी जेपी इन्फ्राटेक के अधिग्रहण की बोली को मंजूरी देने की अपील पर सुनवाई करेगा। यह मामला न्यायाधिकरण की दिल्ली की प्रधान पीठ के समक्ष सूचीबद्ध है। पीठ में कार्यवाहक अध्यक्ष भास्कर पंतुला मोहन और सदस्य सुमिता पुरकायस्थ शामिल हैं। पिछले सप्ताह जेपी इन्फ्राटेक ने एक नियामकीय सूचना के जरिये बताया था कि सुरक्षा रियल्टी के साथ लक्षद्वीप इन्वेस्टमेंट्स एंड फाइनेंस की समाधान योजना पर एनसीएलटी 28 सितंबर, 2021 को आगे सुनवाई करेगा।
इस समाधान योजना को ऋणदाताओं की समिति (सीओसी) ने मंजूर किया है। जून में जेपी इन्फ्राटेक लि. के वित्तीय ऋणदाताओं ने दिवालिया कंपनी के अधिग्रहण के लिए सार्वजनिक क्षेत्र की एनबीसीसी की तुलना में मुंबई के सुरक्षा समूह को प्राथमिकता दी थी। सीओसी की मंजूरी के बाद हजारों घर खरीदारों को उम्मीद बंधी थी कि उन्हें आखिर कई साल के विलंब के बाद अंतत: अपने फ्लैट पर कब्जा मिल जाएगा। करीबी दौड़ में सुरक्षा समूह को 98.66 प्रतिशत और एनबीसीसी को 98.54 प्रतिशत मत मिले थे।
जेपी इन्फ्राटेक के लिए खरीदार ढूंढने के लिए यह बोली का चौथा दौर है। यह कंपनी अगस्त, 2017 में कॉरपोरेट दिवाला समाधान प्रक्रिया (सीआईआरपी) के तहत गई थी। सीओसी की मंजूरी के बाद सुरक्षा ग्रुप की पेशकश को एनसीएलटी की मंजूरी जरूरी है। जेपी इन्फ्राटेक के सफल समाधान से नोएडा और ग्रेटर नोएडा की परियोजनाओं के 20,000 से अधिक घर खरीदारों को राहत मिलेगी। अपनी अंतिम समाधान पेशकश में सुरक्षा समूह ने बैंकों को 2,500 एकड़ जमीन और गैर-परिवर्तनीय डिबेंचरों के जरिये 1,300 करोड़ रुपये देने की पेशकश की है। उसने लंबित फ्लैटों का निर्माण अगले 42 माह में पूरा करने का वादा किया है।
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