नई दिल्ली। राष्ट्रीय कंपनी विधि न्यायाधिकरण (एनसीएलटी) ने कर्ज के बोझ से दबी भूषण पावर एंड स्टील लिमिटेड (बीपीएसएल) के अधिग्रहण के लिए जेएसडब्ल्यू स्टील की 19,700 करोड़ रुपए की निपटान योजना को मंजूरी दे दी है।
एनसीएलटी के अध्यक्ष न्यायमूर्ति एम एम कुमार की अगुवाई वाली दो सदस्यीय प्रधान पीठ ने कहा कि बीपीएसएल के प्रवर्तकों द्वारा कोष से धन को इधर-उधर करने को लेकर दायर आपराधिक मामलों से नई प्रवर्तक के रूप में जेएसडब्ल्यू स्टील पर कोई असर नहीं पड़ेगा।
न्यायाधिकरण ने कहा कि दिवाला अवधि के दौरान बीपीएसएल द्वारा कमाए गए मुनाफे को राष्ट्रीय कंपनी विधि अपीलीय न्यायाधिकरण (एनसीएलएटी) द्वारा आर्सेलर मित्तल मामले में दी गई व्यवस्था के अनुरूप भूषण पावर के ऋणदाताओं में बांटा जाएगा।
एनसीएलटी ने इस मामले में जेएसडब्ल्यू और उसके पूर्ववर्ती प्रवर्तकों द्वारा सौंपी गई बोली को लेकर टाटा स्टील की आपत्तियों को भी खारिज कर दिया। एनसीएलटी ने अप्रैल में विभिन्न पक्षों की दलीलें सुनने के बाद अपना फैसला सुरक्षित रखा था।
टाटा स्टील ने जेएसडब्ल्यू स्टील की सुधार के बाद की गई वित्तीय पेशकश का भूषण पावर एंड स्टील के समाधान पेशेवर और ऋणदाताओं की समिति (सीओसी) के समक्ष विरोध किया था। न्यायाधिकरण ने पंजाब नेशनल बैंक की अपील को स्वीकार करते हुए बीपीएसएल के खिलाफ 26 जुलाई, 2017 को कॉरपोरेट दिवाला समाधान प्रक्रिया (सीआईआरपी) शुरू की थी।
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