नई दिल्ली। राष्ट्रीय कंपनी कानून न्यायाधिकरण (एनसीएलटी) ने आज सरकार को कर्ज के बोझ तले दबी रियल्टी कंपनी यूनिटेक लिमिटेड के निदेशक मंडल में 10 निदेशकों की नियुक्ति करने के लिए अपनी मंजूरी दे दी है। इसके अलावा एनसीएलटी ने यूनिटेक के निदेशकों को निदेशक मंडल के सदस्य के रूप में काम करने से रोक दिया है और सभी निदेशकों को कंपनी की और व्यक्तिगत संपत्ति बेचने पर प्रतिबंध लगा दिया है।
इस खबर के बाद बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज पर लिस्टेड कंपनी का शेयर 19.90 प्रतिशत उछलकर 7.29 रुपए के स्तर पर पहुंचकर बंद हुआ। इससे पहले गुरुवार को यूनिटेक का शेयर 6.08 रुपए पर बंद हुआ था। सरकार द्वारा कंपनी का नियंत्रण अपने हाथ में लिए जाने की खबर के बाद कंपनी के शेयरों में खरीदारी भी बढ़ गई। आज इसके शेयरों का वॉल्यूम 19 करोड़ से अधिक हो गया।
न्यायाधीश एम एम कुमार की अध्यक्षता वाली दो सदस्यीय एनसीएलटी खंडपीठ ने सरकार को 20 दिसंबर तक निदेशक के रूप में नियुक्त किए जाने वाले 10 लोगों के नाम देने का निर्देश दिया है। मामले की अगली सुनवाई भी इसी दिन होनी है। यूनिटेक के प्रबंधन पर धन के हेरफेर और कुप्रबंधन का आरोप लगने के बाद सरकार ने कंपनी के प्रबंधन को संभालने के लिए एनसीएलटी का रुख किया था।
न्यायाधिकरण ने यूनिटेक लिमिटेड को जवाब दाखिल करने के लिए नोटिस भी जारी किया है। न्यायाधिकरण में सरकार की ओर पक्ष रखने के लिए हाजिर हुए अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल संजय जैन ने कहा कि एनसीएलटी ने कंपनी के दैनिक परिचालन के लिए 10 निदेशकों की नियुक्ति करने की मंजूरी केंद्र सरकार को दे दी है और 20 दिसंबर तक सूची सौंपने को कहा है।
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