नई दिल्ली। नेशनल कंपनी लॉ ट्रिब्यूनल (NCLT) ने Jaypee Infratech Ltd के खिलाफ दिवालियापन की प्रक्रिया शुरू करने का आदेश दिया है। ट्रिब्यूनल की इलाहाबाद बेंच ने आईडीबीआई बैंक की अपील को स्वीकार करते हुए Jaypee Infratech को दिवालिया घोषित किया है। जेपी ग्रुप कंपनियों को ऋण देने वाले बैंकों के समूह का नेतृत्व आईडीबीआई बैंक कर रहा है।
आईडीबीआई बैंक ने एक अंतरिम रिजोल्यूशन पेशेवर की नियुक्ति को मंजूरी दे दी है। एक रिपोर्ट के मुताबिक कंपनी के बोर्ड ऑफ डायरेक्टर्स निलंबित रहेंगे। ट्रिब्यूनल अब एक दिवालिया समाधान पेशेवर की नियुक्ति करेगा, जो यह जांचेगा कि क्या कंपनी के कर्ज को पटाना संभव है।
दिवाला और दिवालियापन संहिता के तहत, एनसीएलटी द्वारा जिस दिन मामले पर फैसला दिया जाता है, उससे 180 दिनों के भीतर एक समाधान योजना पेश करनी होती है। इसे 90 दिन तक और बढ़ाया जा सकता है। यदि कोई समाधान नहीं निकलता है तो कंपनी की संपत्ति को नीलाम किया जाएगा।
आरबीआई द्वारा दिवालियापन प्रक्रिया के लिए चुने गए 12 खातों में से जेपी इंफ्राटेक लिमिटेड एक है। इस साल जून में रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया ने ऐसे 12 खातों की पहचान की थी, जिनमें दिवालियापन की प्रक्रिया शुरू की जानी है। इनमें से प्रत्येक खाते पर 5,000 करोड़ रुपए से अधिक का कर्ज बकाया है। इन 12 खातों का कुल बकाया कर्ज बैंकों के कुल एनपीए के 25 प्रतिशत के बराबर है। बैंकिंग सेक्टर में 8 लाख करोड़ रुपए का एनपीए है, जिसमें से 6 लाख करोड़ रुपए सरकारी बैंकों का है।
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