नयी दिल्ली। राष्ट्रीय कंपनी कानून न्यायाधिकरण (एनसीएलटी) ने शुक्रवार को श्रेई ग्रुप की दो कंपनियों के खिलाफ दिवाला कार्रवाई शुरू करने के लिए भारतीय रिजर्व बैंक की याचिकाओं को स्वीकार कर लिया। रिजर्व बैंक ने दो गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियों (एनबीएफसी)- श्रेई इंफ्रास्ट्रक्चर फाइनेंस और श्रेई इक्विपमेंट फाइनेंस के खिलाफ एनसीएलटी की कोलकाता पीठ में दो अलग-अलग याचिकाएं दायर की थीं।
एनसीएलटी की दो सदस्यीय पीठ ने शुक्रवार को मामलों की सुनवाई की। केंद्रीय बैंक ने अपने वकील संजय गिनोदिया के माध्यम से याचिकाएं दायर की हैं। संजय गिनोदिया, आर गिनोदिया एंड कंपनी में सीनियर पार्टनर हैं। गिनोदिया ने कहा कि उन्होंने शुक्रवार को एनसीएलटी पीठ के समक्ष रिजर्व बैंक की ओर से दलीलें पेश कीं। दोनों कंपनियों पर बैंकों और वित्तीय संस्थानों का 30,000 करोड़ रुपये से अधिक का बकाया है।
इससे पहले बंबई उच्च न्यायालय ने दोनों कंपनियों पर रिजर्व बैंक की कार्रवाई के खिलाफ श्रेई ग्रुप द्वारा दायर याचिका को सात अक्टूबर को खारिज कर दिया था। श्रेई ग्रुप ने अपनी दोनों कंपनियों के निदेशक मंडलों को हटाने और उनके खिलाफ दिवाला प्रक्रिया शुरू करने के केंद्रीय बैंक के फैसले को उच्च न्यायालय में चुनौती दी थी।
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