नयी दिल्ली। राष्ट्रीय कंपनी विधि अपीलीय न्यायाधिकरण (एनसीएलएटी) ने जेट एयरवेज के ऋणदाताओं से पूछा है कि क्या वे नीदरलैंड अदालत के प्रशासक के साथ सहयोग करेंगे। नीदरलैंड अदालत के प्रशासक भी कर्ज के बोझ से दबी निजी क्षेत्र की एयरलाइन के खिलाफ दिवाला प्रक्रिया चला रहे हैं।
एनसीएलएटी के चेयरमैन न्यायमूर्ति एस जे मुखोपाध्याय की अगुवाई वाली तीन सदस्यीय पीठ ने जेट एयरवेज के ऋणदाताओं की समिति (सीओसी) से इस बारे में एक सप्ताह में हलफनामा दायर करने को कहा है। अपीलीय न्यायाधिकरण ने सीओसी को यह भी सूचित करने को कहा है कि क्या वे नीदरलैंड प्रशासक के शुल्क और लागत का बोझ उठाने को तैयार हैं। बता दें कि जेट एयरवेज नीदरलैंड में दिवाला प्रक्रिया का सामना कर रही है। यूरोप के दो ऋणदाताओं का भुगतान करने में विफल रहने के बाद जेट एयरवेज को वहां दिवालिया घोषित किया गया है। उसके बाद नीदरलैंड की अदालत ने दिवाला प्रशासक की नियुक्ति की है।
एनसीएलएटी ने इस मामले की अगली सुनवाई की तारीख चार सितंबर तय की है। अपीलीय न्यायाधिकरण नीदरलैंड अदालत के प्रशासक द्वारा दायर उस याचिका की सुनवाई कर रहा था जिसमें राष्ट्रीय कंपनी विधि न्यायाधिकरण (एनसीएलटी) ने जेट एयरवेज दिवाला मामले में विदेशों में दिवाला प्रक्रिया को अमान्य करार दिया है। एनसीएलएटी ने 12 जुलाई को नीदरलैंड अदालत के प्रशासक की याचिका पर एनसीएलटी के आदेश पर स्थगन दिया था। साथ ही एनसीएलएटी ने इस आदेश के खिलाफ नीदरलैंड अदालत के प्रशासक की याचिका को सुनवाई के लिए स्वीकार किया था।
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