नई दिल्ली। नेशनल कंज्यूमर डिस्प्यूट्स रिड्रेसल कमीशन (एनसीडीआरसी) ने मैगी नूडल के 16 और सैंपल की आगे जांच का निर्देश दिया है। कमीशन ने नेस्ले इंडिया के खिलाफ कथित गलत तरीके से कारोबार करने को लेकर सरकार के 640 करोड़ रुपए के मुकदमे के संदर्भ में यह आदेश दिया है। एनसीडीआरसी ने कहा है कि ऐसे मामलों में उपभोक्ता की सुरक्षा और हित सबसे महत्वपूर्ण है।
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मैगी नहीं सुरक्षित
नेशनल कंज्यूमर डिस्प्यूट्स रिड्रेसल कमीशन की पीठ ने आदेश जारी किया है। पीठ ने कंपनी की इस दलील को खारिज कर दिया कि अगर केंद्र के अनुरोध को मंजूरी दी जाती है, परीक्षण की प्रक्रिया एक निरंतर प्रक्रिया बन जाएगी। एनसीडीआरसी ने कहा, इसमें कोई विवाद नहीं हो सकता कि उत्पाद की सुरक्षा पर कुछ संदेह तब तक बना रहेगा जबतक प्रयोगशाला रिपोर्ट के आधार पर अंतिम रूप से कोई कानूनी फैसला नहीं आ जाता।
नेस्ले इंडिया ने कहा, हम इस बात से निराश हैं
इस बारे में नेस्ले इंडिया ने कहा, हम इस बात से निराश हैं कि आयोग ने कल 16 सैंपल को एक्सपोर्ट टेस्ट निर्यात जांच लैब में जांच का आदेश दिया। कमीशन ने नेस्ले की इस दलील को भी खारिज कर दिया कि 13 नमूनों को जांच के लिये मैसूर स्थित केंद्रीय खाद्य प्रौद्योगिकी अनुसंधान संस्थान भेजा गया, उसके रिपोर्ट की प्रतीक्षा की जानी चाहिए। गौरतलब है कि मैगी के कुछ सैंपल में मोनोसोडियम ग्लूटामेट और अनुमति सीमा से ज्यादा लेड पाया गया था। इसके बाद फूड सेफ्टी एंड स्टैंडर्ड्स अथॉरिटी ऑफ इंडिया ने जून में मैगी पर देशभर में प्रतिबंध लगा दिया था।
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