नयी दिल्ली: आम्रपाली समूह की ठप पड़ी 16 परियोजनाओं की विस्तृत परियोजना रिपोर्ट (डीपीआर) एनबीसीसी अगले सप्ताह सुप्रीम कोर्ट को सौंपेगी। इसके अलावा वह अन्य रीयल एस्टेट कंपनियों की भी इसी तरह की परियोजनाओं को विकसित करने पर विचार कर रही है। एनबीसीसी ने बृहस्पतिवार को यह जानकारी दी।
शीर्ष न्यायालय ने सितंबर में आम्रपाली समूह की ठप पड़ी परियोजनाओं को विकसित करने के लिये एनबीसीसी को नियुक्त किया था। इसके बाद कंपनी ने अपने प्रस्ताव में कहा था कि सभी परियोजनाओं को पूरा करने के लिए 8,500 करोड़ की जरूरत पड़ेगी। रूकी पड़ी परियोजनाओं में करीब 46,575 फ्लैट बनाये जाने हैं।
आम्रपाली से जुड़े मामले में जानकारी देते हुये कंपनी के चेयरमैन एवं प्रबंध निदेशक (सीएमडी) अनूप कुमार मित्तल ने कहा कि कंपनी ने 16 परियोजनाओं में से 10-11 के लिये निविदा जारी की है। अगले एक सप्ताह में हम 5-6 परियोजनाओं के लिये भी निविदा जारी करेंगे। एक सप्ताह के अंदर शीर्ष न्यायालय में सभी 16 परियोजनाओं की डीपीआर रिपोर्ट जमा कर दी जायेगी। उन्होंने कहा कि न्यायालय से अनुमति मिलने के बाद आम्रपाली की परियोजनाओं पर काम शुरू हो जायेगा। वित्तपोषण के सवाल पर उन्होंने कहा कि इसका फैसला शीर्ष न्यायालय करेगी।
मित्तल ने कहा कि व्यापक सार्वजनिक हित को ध्यान में रखते हुये एनबीसीसी जल्द ही नयी और लंबित पड़ी परियोजनाओं को विकसित करने के लिये भी नीति लेकर आयेगी। उन्होंने कहा, ‘‘हम रीयल एस्टेट परियोजनाओं के लिये परियोजना प्रबंधन सलाहकार अथवा सह भवन-निर्माता या फिर निर्माता के रूप में काम कर सकते हैं।’’ उन्होंने कहा कि परियोजनायें संयुकत उद्यम के तहत भी तैयार हो सकतीं हैं।
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