नई दिल्ली। राष्ट्रीय कंपनी विधि न्यायाधिकरण (एनसीएलटी) ने कर्ज में डूबी जेपी इंफ्राटेक की ऋण समाधान योजना के तहत उसे खरीदने के सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनी एनबीसीसी के प्रस्ताव को मंगलवार को मंजूरी दे दी। एनबीसीसी जेपी इंफ्रा की अटकी परियोजनाओं में 20,000 फ्लैट साढ़े तीन साल में पूरा करेगी। न्यायाधिकरण के कार्यवाहक अध्यक्ष बीएस वी प्रकाश कुमार की अध्यक्षता वाली प्रधान पीठ ने एनबीसीसी द्वारा प्रस्तुत समाधान योजना को मंजूरी दे दी। इस प्रस्ताव को जेपी इंफ्राटेक के कर्जदाताओं ने पिछले साल दिसंबर में ही मंजूरी दे दी थी।
न्यायाधिकरण ने यह भी आदेश दिया कि जय प्रकाश इंफ्राटेक की मूल कंपनी जयप्रकाश एसोसिएट्स द्वारा जमा 750 करोड़ रुपए योजना का हिस्सा होगा। यह पैसा उच्चतम न्यायालय की रजिस्ट्री में जमा है। इससे एनबीसीसी को अटकी परियोजनाओं को तेजी से पूरा करने में मदद मिलेगी।
पीठ ने अपने मौखिक आदेश में कहा कि 750 करोड़ रुपए को योजना का हिस्सा माना जाएगा। लिखित आदेश बुधवार को उपलब्ध होगा। सफल समाधान योजना से जेपी इंफ्राटेक की उत्तर प्रदेश के नोएडा और ग्रेटर नोएडा में विभिन्न आवासीय परियोजनाओं में फंसे 20,000 से अधिक मकान खरीदारों को राहत मिलेगी। एनबीसीसी ने अगले साढ़े तीन साल में 20,000 से अधिक लंबित फ्लैट पूरा करने का प्रस्ताव किया है।
इससे न केवल जेपी इंफ्राटेक के मकान खरीदारों को राहत मिलेगी बल्कि रीयल एस्टेट क्षेत्र को भी गति मिलेगी। जेपी इंफ्राटेक का मामला अगस्त 2017 में ऋण शोधन प्रक्रिया में गया था। जेपी इंफ्राटेक के कर्जदाताओं की समिति ने पिछले साल दिसंबर में एनबीसीसी की समाधान योजना को मंजूरी दे दी थी। समिति में 13 बैंक और करीब 21,000 मकान खरीदार शामिल हैं।
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