A
Hindi News पैसा बिज़नेस सरकारी और निजी बैंकों के कर्मचारियों की हड़ताल से बैंकिंग सर्विस बुरी तरह प्रभावित, ATM सेवाएं भी ठप

सरकारी और निजी बैंकों के कर्मचारियों की हड़ताल से बैंकिंग सर्विस बुरी तरह प्रभावित, ATM सेवाएं भी ठप

स्‍टेट बैंक में सहायक बैंकों के विलय और बैंकिंग सुधारों के विरोध में देश भर के सरकारी और निजी क्षेत्र के बैंक कर्मचारी आज हड़ताल पर हैं।

Bankers Strike: सरकारी बैंकों के 8 लाख कर्मचारी आज हड़ताल पर, ATM सेवाएं भी प्रभावित- India TV Paisa Bankers Strike: सरकारी बैंकों के 8 लाख कर्मचारी आज हड़ताल पर, ATM सेवाएं भी प्रभावित

नई दिल्ली। स्‍टेट बैंक में सहायक बैंकों के विलय और बैंकिंग सुधारों के विरोध में देश भर के सरकारी क्षेत्र के बैंक कर्मचारी आज हड़ताल पर हैं। हड़ताल के चलते आम लोगों की मुश्‍किलें बढ़ गई हैं। राष्‍ट्रव्‍यापी हड़ताल के चलते पूरे देश में बैंकिंग सर्विस पर बुरा असर पड़ा है। सभी बैंकों की करीब 80000 बैंक शाखाओं में कामकाज ठप है। वहीं एटीएम सर्विस पर भी असर पड़ रहा है। इसके अलावा चेक क्लीयरिंग, कैश जमा और निकालने तथा अन्य सेवाएं भी प्रभावित हुई हैं। आईसीआईसीआई बैंक जैसे निजी क्षेत्र के बैंक आम दिनों की तरह काम कर रहे हैं।

तस्वीरों में देखिए ATM कार्ड पर लिखे नंबरों का मतलब

ATM card number

IndiaTV Paisa

IndiaTV Paisa

IndiaTV Paisa

IndiaTV Paisa

यह भी पढ़ें- Rules Violations: RBI ने 13 बैंकों पर लगाया 27 करोड़ का जुर्माना, फेमा और केवाईसी नियमों के उल्लंघन का आरोप

एसबीआई ने कल ही बयान में चेतावनी दी थी कि ऑल इंडिया स्टेट बैंक आफिसर्स फेडरेशन तथा ऑल इंडिया स्टेट बैंक ऑफ इंडिया स्टाफ फेडरेशन यूएफबीयू के सदस्य हैं। ऐसे में हड़ताल की वजह से बैंक का कामकाज भी प्रभावित होगा। ऑल इंडिया बैंक एम्पलाइज एसोसिएशन के महासचिव सी एच वेंकटचलम ने कहा कि 26 जुलाई को मुख्य श्रम आयुक्त के साथ सुलह सफाई बैठक से कोई सकारात्मक नतीजा नहीं निकला। यदि उनकी मांगों पर विचार करती और उन्हें पूरा करती तो यूएफबीयू हड़ताल के आह्वान पर पुनर्विचार को तैयार था।

यह भी पढ़ें- विदेशों में रखे कालेधन में आई उल्लेखनीय कमी, नई टेक्‍नोलॉजी का मिल रहा है फायदा

हड़ताल की अपील में शामिल नेशनल आर्गनाइजेशन ऑफ बैंक वर्कर्स के उपध्यक्ष अश्वनी राणा ने कहा कि सरकार इन बैंकों की 100 फीसदी मालिक नहीं है। लोगों के शेयर भी इनमें हैं इस लिए सरकार कोई निर्णय अपने आप नहीं कर सकती। हमारी मांग है कि सरकार को सभी पक्षों से बात करनी चाहिए और उसके बाद ही कोई निर्णय लेना चहिए।

Latest Business News