नई दिल्ली: देशभर में जारी ट्रांसपोर्ट हड़ताल का आज दूसरा दिन है। शनिवार को जरुरी चीजों की किल्लत के कारण लाखों लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ा। अखिल भारतीय मोटर परिवहन कांग्रेस द्वारा की गई हड़ताल के कारण मुंबई में 8000 और पूरे महाराष्ट्र में 40,000 बसें रोड़ पर नहीं चली, जिससे स्कूल जाने वाले बच्चों को परेशानी का सामना करना पड़ा।
मध्य प्रदेश में 95 फीसदी ट्रांसपोर्टर ने हड़ताल का समर्थन किया
मध्य प्रदेश से आ रही खबरों के मुताबिक वहा भी हड़ताल के कारण व्यावसायिक वाहन की आवाजाही पर असर पड़ा है। मध्य प्रदेश के फेडरेशन ऑफ मोटर्स एंड गुड्स ट्रांसपोर्ट एसोसिएशन के अध्यक्ष परविंदर सिंह भाटिया ने दावा किया कि राज्य के 95 फीसदी ट्रांसपोर्टर जिनकी संख्या 25000 के आसपास है, वो इस हड़ताल का समर्थन कर रहे है। इस हड़ताल की जल्द खत्म होने की संभावना अभी कम दिख रही है, इसका कारण अबतक सरकार के साथ ट्रांसपोटर्स की बातचीत सफल ना हो पाना है।
ट्रांसपोर्ट्स की मांग
- डीजल कीमतों को जीएसटी के दायरे में लाया जाए, क्योंकि इसके दाम रोजाना बदलने से भाड़ा तय करने में परेशानी होती है।
- टोल सिस्टम को भी बदला जाए, क्योंकि टोल प्लाजा पर र्इंधन और समय के नुकसान से सालाना 1.5 लाख करोड़ रुपए की चपत लगती है।
- थर्ड पार्टी बीमा प्रीमियम पर जीएसटी की छूट मिले और एजेंट्स को मिलने वाला अतिरिक्त कमीशन खत्म किया जाए।
- आयकर कानून की धारा 44-एई में प्रिजेंप्टिव इनकम के तहत लगने वाले टीडीएस को बंद किया जाए और र्इ-वे बिल में संशोधन हो।
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