नई दिल्ली। आईटी उद्योग के संगठन नास्कॉम ने एयरटेल जीरो तथा फ्री बेसिक्स जैसे प्लेटफॉर्म का विरोध किया है। उसका मानना है कि यह नेट निरपेक्षता के सिद्धांतों के खिलाफ है, क्योंकि इसमें कुछ प्रकार की सेवाओं के लिए इंटरनेट उपलब्धता के तौर तरीकों में भिन्नता है। नास्कॉम के अध्यक्ष आर चंद्रशेखर ने सोमवार को कहा कि हम दूरसंचार सेवा प्रदाताओं के ऐसे किसी मॉडल का विरोध करते हैं, जिसमें उन्हें अनुकूल दर या गति आदि के हिसाब से सामग्री के चयन का अधिकार हो।
उन्होंने कहा कि नास्कॉम ने अपने ये विचार भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (ट्राई) के समक्ष रखे हैं और नियामक से आग्रह किया है कि टेलीकॉम ऑपरेटरों को विभिन्न प्रकार की सेवाओं के लिए अलग मूल्य लेने की अनुमति न दी जाए। चंद्रशेखर ने कहा कि दूरसंचार सेवा प्रदाताओं की इस तरह की मूल्य में भिन्नता जैसा कि प्रत्यक्ष तौर पर एयरटेल जीरो या अप्रत्यक्ष रूप से फ्री बेसिक्स में देखने को मिलती है, वह नेट निरपेक्षता के सिद्धांत का उल्लंघन है। ट्राई ने डाटा मूल्य में भिन्नता पर अपने परिपत्र पर संबद्ध पक्षों से सात जनवरी तक सार्वजनिक टिप्पणियां मांगी हैं। यह नेट निरपेक्षता पर चल रही बहस का एक महत्वपूर्ण पहलू है।
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