नयी दिल्ली। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने शनिवार को कहा कि जेट एयरवेज के संस्थापक नरेश गोयल ने कर से बचने की कई योजनाएं तैयार की तथा भारी मात्रा में धन का गबन कर उसे विदेश भेजा। ईडी ने शुक्रवार को गोयल, उनकी कंपनियों तथा साझेदार एजेंसियों के दिल्ली और मुंबई स्थित दर्जनों परिसरों की तलाशी ली।
ईडी ने विदेशी विनिमय कानून (फेमा) के कथित उल्लंघन के आरोप के आधार पर ये तलाशियां लीं। ईडी ने एक बयान में कहा कि तलाशी में कई संदिग्ध दस्तावेज तथा डिजिटल सबूत जब्त किये गये। ईडी ने कहा, प्राथमिक जांच से इस बात के संकेत मिलते हैं कि अपनी घरेलू और विदेशी कंपनियों के जरिये गोयल ने कर से बच निकलने के लिए कई योजनाएं तैयार की थीं। उनके जरिए संदेहास्पद लेन-देन के जरिये भारी मात्रा में धन विदेश भेजा गया।
एजेंसी ने कहा कि गोयल कई विदेशी कंपनियों को परोक्ष तौर पर नियंत्रित करते हैं, जिनमें से कुछ कर चोरी की पनाहगाह सबसे जाने वाले विदेशी स्थानों पर पंजीकृत हैं। ईडी ने कहा, 'इनमें से कुछ कंपनियों को विमानन पट्टा अनुबंध, विमान रख-रखाव अनुबंध तथा कुछ अन्य मदों के नाम पर इन कंपनियों को संदेहास्पद तरीके से और बढ़ा-चढ़ा कर भुगतान किए गए। यह पाया गया कि समूह की ही दुबई स्थित एक कंपनी को कंमीशन के रूप में बढ़ा-चढ़ाकर भारी मात्रा में भुगतान किया गया। वह कंपनी जेट एयरवेज की विशेष विदेशी बिक्री एजेंट का काम करती थी।'
एजेंसी ने कहा, जांच से पता चलता है कि गोयल कुछ ऐसे बैंक खातों के लाभार्थी मालिक हैं जिनमें भारी धनराशि जमा की गयी। उसने कहा, 'प्रथम दृष्ट्या प्रतीत होता है कि इन लेन-देन में फेमा के विभिन्न प्रावधानों का उल्लंघन किया गया।' आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि विदेश में अघोषित संपत्ति रखने के आरोप के आधार पर एजेंसी आने वाले दिनों में मनी लौंड्रिंग रोकथाम अधिनियम के तहत गोयल के खिलाफ मामला दर्ज कर सकती है।
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