नई दिल्ली। इक्विटी म्यूचुअल फंड के निवेश खातों या फोलियो में चालू वित्त वर्ष की अप्रैल-जून तिमाही के दौरान छह लाख की बढ़ोतरी हुई है। ऐसा मुख्य तौर पर खुदरा निवेशकों की ओर से मजबूत भागीदारी के मद्देनजर हुआ। फोलियो की संख्या 2015-16 में दर्ज 43 लाख और 2014-15 में 25 लाख के अतिरिक्त है।
पिछले दो साल में निवेशक खातों में बढ़ोतरी हुई है और ऐसा मुख्य तौर पर अपेक्षाकृत छोटे शहरों से जोरदार योगदान के मद्देनजर हुआ। व्यक्तिगत निवेशक खातों को फोलियो कहते हैं हालांकि एक निवेश के पास कई खाते हो सकते हैं।
भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) के मुताबिक 42 फंड हाउस के निवेश खातों के आकलन के आधार पर जून तिमाही में फोलियो की संख्या बढ़कर 3,66,40,396 हो गई जो 31 मार्च 2016 को 3,60,25,062 थी। इस तरह 6.15 लाख खातों की बढ़ोतरी हुई।
म्यूचुअल फंड पर लेनदेन लागत तय सीमा में रहनी चाहिए: सेबी
सेबी के अनुसार म्युचुअल फंड योजनाओं पर लगाई जाने वाली ब्रोकरेज व लेनदेन लागत तय कुल व्यय अनुपात (टीईआर) सीमा में ही होनी चाहिए और किसी भी तरह की अतिरिक्त लागत को सम्बद्ध आस्ति प्रबंधन कंपनी को वहन करनी चाहिए। यहां कुल व्यय अनुपात (टीईआर) किसी म्युचुअल फंड के प्रबंध व परिचालन से जुड़ी कुल लागत का आकलन है। सेबी ने एमएफ योजनाओं पर सेवा कर लगाने संबंधी एक सवाल के जवाब में यह स्पष्टीकरण दिया है।
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