मुंबई। बंद पड़ी किंगफिशर एयरलाइंस के प्रमोटर विजय माल्या की मुश्किलें और बढ़ती जा रही हैं। मुंबई के उपनगर अंधेरी की एक अदालत ने एयरपोर्ट अथॉरिटी ऑफ इंडिया (एएआई) द्वारा दायर किए गए चेक बाउंस मामले में माल्या के खिलाफ गैर-जमानती अरेस्ट वारंट जारी किया है।
7 मई को न्यायाधीश एए लौलकर ने माल्या को 16 जुलाई को कोर्ट के समक्ष पेश होने का आदेश दिया था। कोर्ट ने आज माल्या के खिलाफ गैर जमानती वारंट जारी किया है। यह वारंट माल्या के उपस्थित न होने की वजह से जारी किया गया है। कोर्ट यहां एएआई द्वारा किंगफिशर एयरलाइंस के खिलाफ दायर मामले की सुनवाई कर रही थी, जिसमें 100 करोड़ रुपए मूल्य के दो चेक बाउंस होने की शिकायत की गई है।
विजय माल्या की दिक्कतें बढ़ीं, बैंकों ने सुप्रीम कोर्ट में अवमानना कार्रवाई का मामला दायर किया
कंपनी ने दी सफाई
वहीं दूसरी ओर किंगफिशर एयरलाइंस ने दिल्ली हाईकोर्ट को बताया कि विजय माल्या किंगफिशर एयरलाइंस (केएफए) के दैनिक मामलों में संलिप्त नहीं थे और उन्हें चेक बाउंस के विभिन्न मामालें में जिम्मेदार नहीं ठहराया जा सकता। दिल्ली हवाई अड्डे का परिचालन करने वाली कंपनी डायल ने उनके खिलाफ चेक बाउंस के कई मामले दाखिल किए हुए हैं।
न्यायाधीश पी एस तेजी की पीठ के समक्ष यह तर्क पेश करते हुए विजय माल्या के वकील ने इस मामले में निचली अदालत द्वारा जारी सम्मनों को खारिज करने की अपील की। वकील ने कहा कि कपंनी में एक पूर्णकालिक सीईओ था। वकील ने कहा, यह स्वीकार्य तथ्य है कि प्रतिवादी (डायल) को भी याचिकाकर्ता (माल्या) की स्थिति की जानकारी थी और उसने उनके खिलाफ पहले कार्रवाई नहीं की। सुनवाई अदालत ने माल्या के खिलाफ आरोपी के रूप में सम्मन जारी किए हैं। डायल ने जून 2012 में केएफए के चेक बाउंस होने के मामले में माल्या के खिलाफ चार मामले दर्ज कराए थे।
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