मुंबई। रिलायंस इंडस्ट्रीज के अध्यक्ष मुकेश अंबानी ने सोमवार को कहा कि उनका टेलीकॉम उपक्रम जियो (Jio) कोई जुआ नहीं है बल्कि व्यापार के लिए सोच विचार के बाद लिया गया फैसला है। उन्होंने इंटरकनेक्टिविटी की समस्या को किसी मेधावी छात्र की रैगिंग किए जाने के समान बताया।
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जियो कोई जुआ नहीं….
- वरिष्ठ पत्रकार शेखर गुप्ता और बरखा दत्ता के स्वामित्व वाले डिजिटल मीडिया संगठन द प्रिंट द्वारा आयोजित ऑफ द कफ में अंबानी ने कहा कि यह कोई जुआ नहीं है।
- यह एक सोचा समझा, अच्छी तरह तैयार किया गया पारिस्थितिकी तंत्र है। इसमें 2,50,000 करोड़ रूपए का निवेश किया गया है।
- वह नये उद्यम में 1.5 ट्रिलियन रूपए के निवेश के जोखिम के बारे में पूछे गये सवाल का जवाब दे रहे थे।
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अंबानी ने जियो की तुलना नए कॉलेज स्टूडेंट से की
- जियो से जुड़ी विभिन्न समस्याओं के बारे में उन्होंने कहा कि हां, उनके सामने मुसीबतें थीं। उन्होंने इसकी तुलना किसी प्रतिभाशाली
- छात्र के अपनी मेधा के सहारे प्रतिष्ठित संस्थान में दाखिला लेने लेकिन मेधावी होने के कारण छात्रावास में रैगिंग का शिकार होने से की।
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इंटरकनेक्शन मामले में जियो ने की थी ट्राई में शिकायत
- इसके पहले रिलायंस जियो ने ट्राई से इंटरकनेक्शन इश्यू को लेकर शिकायत की थी।
- जियो ने कहा था कि दूसरी कंपनियां जियो से होने वाली कॉल को अपने नेटवर्क पर इंटरकनेक्शन नहीं दे रही हैं, जिससे कॉल ड्रॉप की समस्या आ रही है।
- जियो ने इन कंपनियों पर एक्शन लेने की बात कही थी।
- मुकेश अंबानी ने कहा था कि ये कंपनियां ट्राई के नियमों का उल्लंघन कर रही हैं।
- ट्राई की दखल के बाद एयरटेल, आइडिया और वोडाफोन जैसी कंपनियां जियो को पर्याप्त इंटरकनेक्शन प्वाइंट देने की बात कह चुकी हैं।
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