नई दिल्ली। भूषण स्टील और इलेक्ट्रोस्टील स्टील के सफलतापूर्वक एनपीए समाधान के बाद टेक्सटाइल कंपनी आलोक इंडस्ट्रीज भी कर्ज समाधान के अंतिम चरण में पहुंच गई है। इसके बहुलांश कर्जदाताओं ने कर्ज में डूबी कंपनी के अधिग्रहण को लेकर रिलायंस इंडस्ट्रीज की समाधान योजना को मंजूरी दे दी है।
भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा शीघ्र समाधान के लिए चिन्हित किए गए 12 एकाउंट में से एक आलोक इंडस्ट्रीज भी है। आलोक इंडस्ट्रीज की कर्जदाताओं की समिति (सीओसी) ने आरआईएल की तरफ से 12 अप्रैल को सौंपी गई समाधान योजना पूर्व में खारिज कर दी थी। रिलांयस इंडस्ट्रीज ने जेएम फाइनेंशियल एसेट रिकंस्ट्रक्शन कंपनी के साथ मिलकर कंपनी के अधिग्रहण का प्रस्ताव दिया था। आलोक इंडस्ट्रीज पर 23,000 करोड़ रुपए का कर्ज बकाया है।
रिलायंस इंडस्ट्रीज ने शेयर बाजारों को दी सूचना में कहा कि राष्ट्रीय कंपनी विधि न्यायाधिकरण, अहमदाबाद के 11 जून 2018 के आदेश के तहत समाधान योजना को 20 जून 2018 को सीओसी के समक्ष वोट के लिए रखा गया था। समाधान योजना के पक्ष में 72.192 प्रतिशत वोट मिले। आलोक इंडस्ट्रीज ने भी इसकी पुष्टि की है।
25 मई को आलोक इंडस्ट्रीज ने यह जानकारी दी थी कि कंपनी के समाधान पेशेवरों ने कंपनी के परिसमापन के लिए एनसीएलटी के समक्ष आवेदन दिया था लेकिन इस पर कोई आदेश पारित नहीं किया गया। कंपनी ने तिमाही और वार्षिक परिणाम जारी करने से छूट भी मांग थी क्योंकि वह परिसमापन का सामना कर रही है। आरआईएल के समाधान प्रस्ताव पर एनसीएलटी की अंतिम मंजूरी का इंतजार है।
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