मुकेश अंबानी के हाथ लगी तेल से भी ज्यादा कीमती चीज, आर्थिक मंदी में भी दुनियाभर से खींच रहे पैसा
जियो प्लेटफॉर्म ने पिछले 6 हफ्ते से भी कम समय में दुनियाभर की दिग्गज टेक्नोलॉजी कंपनियों और निवेशकों से 87,655.35 करोड़ रुपए की राशि जुटाई है।
नई दिल्ली। भारत के सबसे अमीर व्यक्ति मुकेश अंबानी के हाथ तेल से भी ज्यादा कीमती चीज लग गई है। यह ऐसी चीज है जो कोरोना वायरस की वजह से दुनियाभर में आई आर्थिक तंगी के बावजूद अपनी ओर पैसा खींच रही है। इस चीज का नाम है जियो। जियो भारत में हाई क्वालिटी और किफायती डिजिटल सर्विस उपलब्ध कराती है। खुद मुकेश अंबानी ने डिजिटल डाटा को भविष्य का तेल कहा है और उन्होंने अपनी पारखी नजर से इसे खूब पहचाना भी है। यही वजह है कि सितंबर 2016 में अपना वाणिज्यिक परिचालन शुरू करने वाली रिलायंस जियो 4 साल से भी कम समय में देश की दूसरी सबसे बड़ी दूरसंचार कंपनी बन गई है। इसके वर्तमान में 38.8 करोड़ सब्सक्राइर्ब्स हैं।
130 अरब जनसंख्या वाले भारत में हो रही डिजिटल क्रांति पर दुनियाभर की दिग्गज कंपनियों और बड़े निवेशकों की नजर टिकी हुई है। भारत में हो रहा डिजिटल बदलाव इतना आकर्षक है कि फेसबुक जैसी दुनिया की सबसे बड़ी टेक्नोलॉजी कंपनी भी अपने आप को भारत में निवेश करने से नहीं रोक पाई। रिलायंस इंडस्ट्रीज की नए युग की डिजिटल कंपनी जियो प्लेटफॉर्म ने पिछले 6 हफ्ते से भी कम समय में दुनियाभर की दिग्गज टेक्नोलॉजी कंपनियों और निवेशकों से 87,655.35 करोड़ रुपए की राशि जुटाई है। यह भारत में किसी कंपनी द्वारा इतने कम समय में जुटाई गई राशि का एक रिकॉर्ड है। और यह कारनामा ऐसे समय में हुआ है, जब पूरी दुनिया कोरोना वायरस महामारी से जंग लड़ रही है और आर्थिक मंदी का सामना कर रही है।
6 हफ्ते में जियो प्लेटफॉर्म में निवेश करने वाली कंपनियां:
कंपनी | निवेश | हिस्सेदारी |
43,574 करोड़ रुपए | 9.9 प्रतिशत | |
Silver Lake | 5,655.75 करोड़ रुपए | 1.0 प्रतिशत |
Vista Equity Partners | 11,367 करोड़ रुपए | 2.32 प्रतिशत |
General Atlantic | 6,598.38 करोड़ रुपए | 1.34 प्रतिशत |
KKR | 11,367 करोड़ रुपए | 2.32 प्रतिशत |
Mubadala | 9,093.60 करोड़ रुपए | 1.85 प्रतिशत |
भारत के दूरसंचार उद्योग को हिला कर रख देने वाली रिलायंस जियो ऐसी कंपनी है, जिसने महज 3.5 साल की छोटी सी अवधि में 4.91 लाख करोड़ रुपए की इक्विटी वैल्यू और 5.16 लाख करोड़ रुपए की एंटरप्राइज वैल्यू हासिल करने का कीर्तिमान स्थापित किया है। किसी कंपनी की इक्विटी वैल्यू उसकी मौजूदा और भविष्य की क्षमताओं को दिखाती है, जबकि एंटरप्राइज वैल्यू कंपनी की वास्तविक बैलेंस शीट की तरह ही होती है।
अभी तक फेसबुक, सिल्वर लेक, विस्टा इक्विटी पार्टनर्स, जनरल एटलांटिक, केकेआर और मुबाडाला जैसी कंपनियां जियो प्लेटफॉर्म में निवेश कर चुकी हैं। जियो प्लेटफॉर्म, रिलायंस इंडस्ट्रीज की पूर्ण स्वामित्व वाली अगली-पीढ़ी की टेक्नोलॉजी कंपनी है। जियो प्लेटफॉर्म ने अपने डिजिटल ईकोसिस्टम जैसे ब्रॉडबैंड कनेक्टिविटी, स्मार्ट डिवाइसेस, क्लाउड और एज कम्प्यूटिंग, बिग डाटा एनालिटिक्स, कृत्रिम बुद्धिमता, इंटरनेट ऑफ थिंग्स, ऑग्मेंटेंड और मिक्स्ड रियल्टी एवं ब्लॉकचेन आदि में भारी निवेश किया है। तेजी से बदलते भारत में डिजिटल बदलाव की अभी तो यह शुरुआत है। यह सफल लंबा चलने वाला है।