मुकेश अंबानी का रिलायंस को दिसंबर तक पूरी तरह कर्जमुक्त करने का लक्ष्य
RIL के पास मार्च अंत तक कुल कर्ज 3.36 लाख करोड़ और कुल नकदी 1.75 लाख करोड़ रुपये है।
नई दिल्ली। अरबपति उद्योगपति मुकेश अंबानी ने रिलायंस इंडस्ट्रीज को पूरी तरह कर्जमुक्त करने के प्रयास तेज कर दिए हैं। रिलायंस इंडस्ट्रीज पर 1.61 लाख करोड़ रुपये का शुद्ध कर्ज है। अंबानी कंपनी के साथ और रणनीतिक निवेशकों को जोड़कर कंपनी को पूरी तरह कर्ज से मुक्त करना चाहते हैं। रिलायंस इंडस्ट्रीज के चेयरमैन एवं प्रबंध निदेशक अंबानी ने पिछले साल अगस्त में मार्च, 2021 तक कंपनी को पूरी तरह कर्जमुक्त करने का लक्ष्य रखा था। उन्होंने हाल में फेसबुक के साथ 5.7 अरब डॉलर यानी 43,547 करोड़ रुपये का करार किया है। फेसबुक रिलायंस जियो में 9.9 प्रतिशत हिस्सेदारी का अधिग्रहण करेगी। इसके अलावा रिलायंस इंडस्ट्रीज ने 53,125 करोड़ रुपये का राइट्स इश्यू लाने की घोषणा की है। साथ ही कंपनी सऊदी अरामको को अपने तेल एवं पेट्रोरसायन कारोबार में हिस्सेदारी की बिक्री करने जा रही है। ऐसे में रिलायंस इंडस्ट्रीज इस साल दिसंबर तक लक्ष्य को हासिल कर सकती है।
रिलायंस इंडस्ट्रीज के बीते वित्त वर्ष की चौथी तिमाही के नतीजों की घोषणा के बाद निवेशक और मीडिया कॉल में कंपनी के संयुक्त मुख्य वित्त अधिकारी श्रीकान्त वेंकटचारी ने कहा कि शून्य कर्ज का लक्ष्य कैलेंडर वर्ष 2020 में हासिल हो जाएगा। अगस्त की घोषणा के बाद अंबानी डिजिटल प्लेटफॉर्म जियो में 9.99 प्रतिशत हिस्सेदारी फेसबुक को बेच चुके हैं। उन्होंने रिलायंस के तेल और पेट्रोरसायन कारोबार को अलग इकाइयों में बांटने की घोषणा की है, जिससे सऊदी अरामको को हिस्सेदारी की प्रस्तावित बिक्री की जा सके। इसके साथ ही अंबानी ने कहा है कि राइट्स इश्यू में किसी कमी की भरपाई की जाएगी। वेंकटचारी ने कहा कि कंपनी को 1.04 लाख करोड़ रुपये का कोष जुटाने का कार्यक्रम जून तक पूरा होने की उम्मीद है।
कंपनी ने 53,125 करोड़ रुपये के राइट्स इश्यू लाने की घोषणा की है। इसका मूल्य 1,257 रुपये प्रति शेयर रखा गया है। इसके लिए इश्यू का अनुपात 1:15 का होगा। इसके अलावा इस 1.04 लाख करोड़ रुपये की राशि में कंपनी को ब्रिटेन की बीपी पीएलसी को अपने ईंधन खुदरा कारोबार में 49 प्रतिशत हिस्सेदारी बेचने से मिली 7,000 करोड़ रुपये की राशि भी शामिल है। वेंकटचारी ने कहा कि सऊदी अरामको के साथ जांच-पड़ताल का काम तेजी से चल रहा है। हालांकि, उन्होंने यह नहीं बताया कि यह सौदा कब तक पूरा होने की उम्मीद है। रिलायंस ने अपने तेल-से-रसायन कारोबार का मूल्य 75 अरब डॉलर आंका है। इसमें गुजरात के जामनगर में दो रिफाइनरियां, रसायन परिसंपत्तियां, वाहन ईंधन और विमान ईंधन खुदरा कारोबार में 51 प्रतिशत हिस्सेदारी शामिल है। सऊदी अरामको इस उपक्रम में 20 प्रतिशत हिस्सेदारी खरीदने के लिए बातचीत कर रही है। मार्च 2020 अंत तक कंपनी पर बकाया कर्ज 3,36,294 करोड़ रुपये और हाथ में नकदी 1,75,259 करोड़ रुपये थी। नकदी को समायोजित करने के बाद शुद्ध कर्ज 1,61,035 करोड़ रुपये बैठता है। इसमें से 2,62,000 का कर्ज रिलायंस इंडस्ट्रीज पर और 23,000 करोड़ रुपये का कर्ज जियो के खाते में है।