मुंबई। महाराष्ट्र में सरकारी बसों से सफर करने वाले लाखों यात्रियों की मुश्किलें खत्म होने का नाम नहीं ले रही है। महाराष्ट्र राज्य सड़क परिवहन निगम (एमएसआरटीसी) के कर्मचारियों की हड़ताल को मंगलवार को 20 दिन हो गए और वे घाटे में चल रहे निगम के राज्य सरकार में विलय की अपनी मांग को लेकर अभी भी कायम हैं। अधिकारियों ने बताया कि 28 अक्टूबर को शुरू हुई कर्मचारियों की हड़ताल के कारण राज्य के सभी 250 डिपो में परिचालन नौ नवंबर से बंद है।
एमएसआरटीसी के एक अधिकारी ने कहा, ‘‘स्थिति पहले जैसी ही बनी हुई है। नौ नवंबर से सभी 250 डिपो पर बस का संचालन बंद हैं।’’ एमएसआरटीसी के एक प्रवक्ता ने कहा कि सोमवार को कुल 92,266 कर्मचारियों में से लगभग 6,900 कर्मचारी ड्यूटी पर आए और मंगलवार को यह संख्या बढ़ने की उम्मीद है। निगम ने विभिन्न मार्गों पर लगभग 100 से अधिक बसों का संचालन किया।
अधिकारियों के अनुसार, सोमवार को ड्यूटी पर आए ज्यादातर कर्मचारी प्रशासनिक विभाग के थे। इसके अलावा कार्यशाला के कुछ कर्मचारी और कुछ ड्राइवर और कंडक्टर ड्यूटी पर मौजूद थे। इस बीच, एमएसआरटीसी कर्मचारियों की मांग को लेकर गठित तीन सदस्यीय समिति ने कर्मचारी संघ के नेता अजयकुमार गूजर को मंगलवार शाम तक समिति के समक्ष पत्र लिखने के लिए कहा है।
कर्मचारियों ने 28 अक्टूबर से अनिश्चितकालीन हड़ताल शुरू की थी और इस महीने की शुरुआत में इसे तेज कर दिया। उन्होंने राज्य सरकार के साथ एमएसआरटीसी के विलय की मांग को छोड़ने से इनकार कर दिया है। विलय से उन्हें बेहतर वेतन के साथ ही सरकारी कर्मचारी का दर्जा मिलेगा।
Latest Business News