नई दिल्ली। चालू वित्त वर्ष में दलहन और धान के न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) में बढ़ोतरी का महंगाई दर और सब्सिडी पर नाममात्र प्रभाव होगा। वहीं रिजर्व बैंक के नरम नीतिगत रूख के अनुकूल है। कोटक इंस्टीट्यूशनल इक्विटीज की रिपोर्ट के मुताबिक एमएसपी में बढ़ोतरी का उपभोक्ता मूल्य सूचकांक आधारित महंगाई दर(सीपीआई) में 0.4 से 0.45 प्रतिशत तक का योगदान होगा। इसका फैलाव 2-4 महीने ही रहेगा और इसका महंगाई दर पर कोई प्रतिकूल प्रभाव पड़ने की संभावना नहीं है।
सरकार ने दलहन का उत्पादन बढ़ाने और कीमत वृद्धि पर लगाम लगाने के लिए इस साल दालों के न्यूनतम समर्थन मूल्य में 425 रुपए प्रति क्विंटल तक वृद्धि की है। वहीं धान का एमएसपी 60 रुपए बढ़ाकर 1,470 रुपए प्रति क्विंटल किया है। रिपोर्ट में कहा गया है, ग्रामीण मांग में नरमी के बावजूद हमारा विश्वास है कि सरकार उत्पादकता बढ़ाकर ग्रामीण आय बढ़ाने के अपने दृष्टिकोण पर कायम है।
बुधवार को कृषि मंत्री राधा मोहन सिंह ने सीसीईए की बैठक के बाद कहा, हमने वर्ष 2016-17 के लिए सभी खरीफ फसलों के एमएसपी में बढ़ोतरी की है। एमएसपी के अतिरिक्त हमने दलहन के लिए 425 रुपए प्रति क्विंटल और तिलहन के लिए 100 से 200 रुपए प्रति क्विंटल का बोनस देने का फैसला किया है। 2016-17 फसल सीजन के लिए अरहर की एमएसपी 4625 रुपए से बढ़कर 5050 रुपए, मूंग की 4850 से बढ़कर 5225 रुपए और उड़द की एमएसपी 5000 रुपए प्रति क्विंटल हो गई है।
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