नई दिल्ली। नोटबंदी से लाखों करोड़ रुपए के राजकोषीय और कर लाभ के दावों के बीच एक घरेलू ब्रोकरेज कंपनी ने कहा कि सरकार को इस कदम से सिर्फ 72,800 करोड़ रुपए का ही ‘प्रॉफिट’ होने की संभावना है। इनमें 32,800 करोड़ रुपए करों और जुर्माने से मिलेंगे। वहीं 40,000 करोड़ रुपए भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा अधिशेष के स्थानांतरण से मिलेंगे।
- नोटबंदी का समर्थन करने वाले अर्थशास्त्री और विश्लेषक इस कदम के शुरुआती दिनों में दावा कर रहे थे कि चलन से बाहर किए गए 15.55 लाख करोड़ रुपए से कम से कम 20 फीसदी प्रणाली में वापस नहीं लौटेंगे।
- इससे रिजर्व बैंक को इस राशि को अपने बही खाते से हटाने में मदद मिलेगी।
- ऐसे में होने वाले लाभ को रिजर्व बैंक अधिशेष के रूप में सरकार को स्थानांतरित कर सकेगा।
- हालांकि, केंद्रीय बैंक ने सार्वजनिक रूप से कहा है कि 8 नवंबर को 15.55 लाख करोड़ रुपए के 500 और 1,000 के नोट बंद किए गए।
- वहीं आरटीआई मांगी गई जानकारी में रिजर्व बैंक ने कहा है कि बंद किए गए नोट 20.51 लाख करोड़ रुपए के हैं।
- हालांकि घरेलू ब्रोकरेज कंपनी मोतीलाल ओसवाल की रिपोर्ट में कहा गया है कि यह शुरुआती अनुमानों की तुलना में काफी कम, 40,000 करोड़ रुपये ही होगा।
- इसका मतलब है कि रद्द की गई मुद्रा का 3.5 प्रतिशत प्रणाली में वापस नहीं लौटेगा या कालाधन होगा।
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