नई दिल्ली। प्रतिष्ठित आर्थिक शोध संस्थान एनसीएईआर ने बृहस्पतिवार को कहा कि अर्थव्यवस्था में तेज रिकवरी के संकेत हैं। ज्यादातर क्षेत्र महामारी से पहले के स्तर पर पहुंचने वाले हैं और उससे आगे निकलने को तैयार हैं। नेशनल काउंसिल फॉर एप्लाइड इकनॉमिक रिसर्च (एनसीएईआर) ने अर्थव्यवस्था की अपनी मासिक समीक्षा में कहा, ‘‘अनुमान से बेहतर राजकोषीय नतीजों, ज्यादातर हाई फ्रीक्वेंसी इंडीकेटर (जीएसटी संग्रह, बिजली खपत, माल ढुलाई आदि) में उछाल और एयर इंडिया के निजीकरण समेत नीतिगत सुधारों से आर्थिक खबरें अनुकूल हैं।’’
समीक्षा में कहा गया कि टीकाकरण में तेजी और कोविड-19 संक्रमण में गिरावट के साथ आर्थिक गतिविधियां लगातार सामान्य हो रही हैं। रिपोर्ट के अनुसार, ‘‘इस साल अर्थव्यवस्था के 9.5 प्रतिशत (आरबीआई का अनुमान) की दर से बढ़ने की उम्मीद के साथ अधिकतर क्षेत्र महामारी से पहले के स्तर तक पहुंचने और फिर उन स्तरों से आगे निकलने की राह पर हैं।’’ रिपोर्ट में कहा गया है कि महामारी से अप्रभावित रहने वाला कृषि क्षेत्र अपने दीर्घकालिक औसत दर से बढ़ रहा है, जबकि विनिर्माण क्षेत्र नुकसान की भरपाई के लिए तैयार लग रहा है। एनसीएईआर ने कहा कि महामारी से सबसे अधिक प्रभावित होने वाले सेवा क्षेत्र में सुधार की रफ्तार सबसे धीमी है।
इसी महीने मौद्रिक नीति की समीक्षा बैठक के नतीजों की घोषणा के बाद रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा था कि अगस्त-सितंबर में कुल मांग में सुधार हुआ, और यह रेलवे माल यातायात, बंदरगाह पर माल, सीमेंट उत्पादन, बिजली की मांग, ई-वे बिल, जीएसटी और टोल संग्रह में दिखता है। उन्होने 2021-22 के लिए वास्तविक जीडीपी की वृद्धि के अनुमान को 9.5 प्रति पर बरकरार रखते हुए कहा, "लाभ के मार्जिन पर उत्पादन की लागत में वृद्धि, संभावित वैश्विक वित्तीय स्थिति, जिंस बाजारों में अस्थिरता तथा कोविड-19 संक्रमण में बढ़ोतरी आदि कारक हालांकि वृद्धि के अनुमान के लिए जोखिम हो सकते हैं।"
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