मुंबई। अपने बच्चों की विश्वविद्यालय स्तर की शिक्षा के लिए तीन-चौथाई माता-पिता कर्ज लेने के पक्ष में हैं। एक अध्ययन में यह तथ्य सामने आया है। एचएसबीसी के वैल्यू आफ एजुकेशन फाउंडेशन सर्वेक्षण के अनुसार 41 फीसदी लोग मानते हैं कि अपने बच्चों की शिक्षा पर खर्च करना सेवानिवृत्ति के बाद के लिए उनकी बचत में योगदान करने से अधिक महत्वपूर्ण है।
सर्वेक्षण में यह तथ्य सामने आया है कि 71 फीसदी अभिभावक अपने बच्चों की विश्वविद्यालय स्तर की शिक्षा यानी उच्च शिक्षा के लिए ऋण लेने के पक्ष में हैं। चीन में सबसे अधिक 81 फीसदी अभिभावक अपने बच्चों की शिक्षा के लिए कर्ज लेना चाहते हैं। इसके बाद मेक्सिको का नंबर आता है। मेक्सिको के 74 फीसदी अभिभावकों ने यह राय जताई।
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HSBC इंडिया के प्रमुख खुदरा बैंकिंग और संपदा प्रबंधन एस रामकृष्णन ने कहा, बच्चों की शिक्षा के लिए अभिभावक जो कुर्बानी देने को तैयार हैं वह इस बात का सबूत है कि वे बच्चों को उनका लक्ष्य पाने के लिए मदद करना चाहते हैं। हालांकि, अभिभावकों को इसके साथ ही यह भी सुनिश्चित करना चाहिए कि कहीं इससे उनको भविष्य में परेशानियों का सामना न करना पड़े। भारत में इस सर्वेक्षण में शामिल अभिभावकों में 45 फीसदी मांओं तथा 37 फीसदी पिताओं ने कहा कि बच्चों की शिक्षा के लिए खर्च करना उनकी खुद के भविष्य के लिए योगदान करने से अधिक महत्वपूर्ण है।
रिपोर्ट में 15 देशों के 6,241 अभिभावकों के विचार लिए गए। इनमें आस्ट्रेलिया, कनाडा, चीन, मिस्र, फ्रांस, हांगकांग, भारत, इंडोनेशिया, मलेशिया, मेक्सिको, सिंगापुर, ताइवान, संयुक्त अरब अमीरात, ब्रिटेन तथा अमेरिका शामिल हैं। यह शोध इप्सॉस मोरी ने फरवरी और मार्च, 2016 में ऑनलाइन किया। मिस्र में इसमें आमने-सामने साक्षात्कार किया गया।
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