नई दिल्ली। मोर्गन स्टेनले के प्रमुख वैश्विक रणनीतिकार रुचिर शर्मा ने कहा कि मोदी सरकार से किसी बड़े आर्थिक सुधारों की अपेक्षा नहीं है क्योंकि किसी भी नई सरकार के लिए बड़ी नीतिगत पहलों के लिए सबसे अच्छा समय पहले दो साल होते हैं। शर्मा ने अपने अध्ययन का हवाला देते हुए यह बात कही। उन्होंने कहा, अगर आप अन्य देशों का रुख देखें, आमतौर पर सुधारों के लिए सबसे अच्छा समय पहला साल होता है विशेषकर नई सरकार के पहले दो साल होते हैं।
शर्मा ने कहा, जो राजनेता जितने अधिक समय तक सत्ता में रहता है, उतना ही सत्ता का प्रतिफल कम होता जाता है, इसलिए इस लिहाज से किसी सरकार द्वारा काम किए जाने के लिहाज से पहले दो साल महत्वपूर्ण (स्वीट स्पॉट) होते हैं क्योंकि उसके बाद ध्यान दुबारा-निर्वाचन पर केंद्रित होना शुरू हो जाता है। मोदी सरकार मई 2014 में सत्ता में आई थी। उन्होंने कहा कि इस संदर्भ में भी, पहले साल, दिल्ली में चुनाव होने तक, कोई विपक्ष नहीं था। मेरे हिसाब से इस दौरान सरकार जो चाहे कर सकती थी। दिल्ली में चुनाव के बाद विपक्ष जोश में आ गया।
उल्लेखनीय है कि दिल्ली विधानसभा चुनावों में आम आदमी पार्टी भारी बहुमत से जीती और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की पार्टी भाजपा को केवल तीन सीटें ही मिलीं। सरकार से उम्मीदों के बारे में शर्मा ने कहा, मुझे किसी बड़े सुधारों की अब कोई उम्मीद नहीं है। मेरी राय में जो भी बड़े सुधार किए जा सकते थे वे पहले एक या दो साल में किए जा सकते थे। शर्मा अपनी नई किताब द राइज एंड फॉल ऑफ नेशंस :टेन रूल्स ऑफ चेंज इन पोस्ट क्राइस वर्ल्ड के प्रचार के लिए इन दिनों भारत में हैं।
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