नई दिल्ली। ग्लोबल फाइनेंशियल सर्विसेज कंपनी मॉर्गन स्टैनली ने इस साल भारत के लिए अपने ग्रोथ दर के अनुमान को आज संशोधित कर 7.7 फीसदी किया, जबकि पहले उसने यह दर 7.5 फीसदी रहने का अनुमान लगाया था। फर्म का कहना है कि सार्वजनिक खर्च, एफडीआई और खपत के बलबूते पर वृद्धि सुधार का दायरा बढने के मद्दनेजर उसने उक्त सकारात्मक बदलाव किया है।
मॉर्गन स्टैनली ने एक रिसर्च में कहा, हम 2016 में के लिए अपने ग्रोथ दर अनुमान को 7.5 फीसदी से बढाकर 7.7 फीसदी और 2017 के लिए 7.7 फीसदी से बढाकर 7.8 फीसदी कर रहे हैं। इसके अनुसार मार्च 2016 को समाप्त तिमाही में जीडीपी आंकड़े अपेक्षा से कहीं मजबूत रहने के कारण भी उसने यह बदलाव किया है।
मॉर्गन स्टेनली ने भारत के ग्रोथ रेट पर उठाए सवाल, कहा- बढ़ा-चढ़ाकर बताया गया आंकड़ा
भारत की आर्थिक ग्रोथ के आंकड़ों पर मॉर्गन स्टेनली को संदेह है। मॉर्गन स्टेनली के मुख्य वैश्विक रणनीतिकार रूचिर शर्मा ने कहा कि आंकड़ों के बढ़ा-चढ़ाकर दिखाया गया है। उन्होंने ने कहा कि अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाने के लिए अधिक निजी निवेश की जरूरत है।
शर्मा ने कहा, मुझे लगता है कि भारत के सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) का आंकड़ा बढ़ा-चढ़ाकर बताया गया है। भारतीय अर्थव्यवस्था की ग्रोथ रेट 2015-16 की चौथी तिमाही के दौरान 7.9 फीसदी रही जिससे उक्त वित्त वर्ष में कुल सकल घरेलू उत्पाद की वृद्धि दर पांच साल के उच्चतम स्तर 7.6 फीसदी पर रही।
महंगाई दर के बारे में उन्होंने कहा कि रिजर्व बैंक का इस साल मुद्रास्फीति को पांच फीसदी पर लाने का फैसला उभरते बाजार की अर्थव्यवस्थाओं के औसत के अनुरूप है। उन्होंने कहा, यदि आप चीन, कोरिया, ताइवान विश्व की सबसे सफल अर्थव्यवस्थाओं पर नजर डालें जिन्होंने तेजी से वृद्धि दर्ज की है, तो स्पष्ट होता है कि उन्होंने उस दौरान काफी तेजी से वृद्धि की जबकि मुद्रास्फीति कम थी।
सरकार से किसी बड़े सुधार की उम्मीद नहीं, मोर्गन स्टेनले का दावा बड़े फैसलों के लिए पहले दो साल होते हैं बेहतर
Morgan Stanley: ब्रेक्जिट के चलते भारत की ग्रोथ रेट 0.6 फीसदी घटने की संभावना, अगले दो साल में दिखेगा असर
Latest Business News