नई दिल्ली। कोरोना वायरस महामारी फैलने के बाद अमेरिका में महज तीन हफ्तों में 1.68 करोड़ अमेरिकी नागरिकों की नौकरी चली गई है। इससे यह जाहिर होता है कि महामारी ने वैश्विक अर्थव्यवस्था को किस कदर घुटनों के बल ला दिया है। अमेरिकी सरकार द्वारा बृहस्पतिवार को जारी आंकड़ों के मुताबिक पिछले हफ्ते 66 लाख कामगारों ने बेरोजगारी भत्ते के लिये आवेदन दिया था। इसके पहले दो हफ्तों में एक करोड़ से अधिक लोगों ने भत्ते के लिये आवेदन किया था। इन आंकड़ों से यह जाहिर होता है कि हर 10 अमेरिकी में एक व्यक्ति ने भत्ते के लिये आवेदन किया है। विश्व की सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था के 1948 से रिकार्ड रखना शुरू करने के बाद से पहली बार इतनी अधिक संख्या में नौकरियां गई हैं। साथ ही, अभी नौकरियों में और भी कटौती किये जाने की संभावना है। अप्रैल महीने में अमेरिकी बेरोजगारी दर 15 प्रतिशत पहुंच सकती है--इतनी अधिक दर 1929 की महामंदी के बाद नहीं देखी गई है।
अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) प्रमुख ने चेतावनी दी है कि महामंदी के बाद से वैश्विक अर्थव्यवस्था सबसे बुरे दौर की ओर बढ़ रही है। संयुक्त राष्ट्र के श्रम संगठन ने कहा है कि दूसरी तिमाही में 19.5 करोड़ नौकरियां जाने की आशंका है। वहीं, वित्तीय मदद उपलब्ध कराने वाले संगठन ऑक्सफाम इंटरनेशनल ने अनुमान लगाया है कि दुनिया भर में आधे अरब लोग गरीबी के दुष्चक्र में जा सकते हैं।
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