नई दिल्ली। ग्लोबल क्रेडिट रेटिंग एजेंसी मूडीज ने बीफ और दूसरे विवादों के चलते भारत की साख पर खतरे की ओर इशारा किया है। इंडिया आउटलुक सर्चिंग फॉर पोटेंशियल शीर्षक वाली रिपोर्ट में देश के भीतर रिफॉर्म की सुस्त रफ्तार पर भी चिंता जताई गई है। मूडीज ने धार्मिक तनाव का हवाला देते हुए कहा है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को अपनी पार्टी के सदस्यों पर लगाम लगाना चाहिए नहीं तो उनके लिए घरेलू और वैश्विक स्तर पर विश्वसनीयता कायम रखना मुश्किल हो जाएगा। भारत की जीडीपी इस साल 7 फीसदी रहेगी, पेट्रोलियम उत्पादों की बढ़ेगी खपत: मूडीज
देश में रिफॉर्म की राह मुश्किल
मूडीज ऐनेलिटिक्स ने रिपोर्ट में कहा कि भाजपा के पास राज्य सभा में बहुमत नहीं है। इसलिए इकोनोमिक रिफॉर्म की दृष्टि से महत्वपूर्ण कई कानून पारित नहीं हो पा रहे हैं। वहीं विपक्ष की बात करें तो उसका रवैया अवरोधक की तरह है। मूडीज ने कहा हिंसा बढ़ने से सरकार को राज्य सभा में और कड़े प्रतिरोध का सामना करना पड़ेगा और ऐसे में वहां बहस आर्थिक नीति से भटक जाएगी। इसके लिए जरूरी है कि मोदी अपने पार्टी सदस्यों पर लगाम लगाएं। नहीं तो घरेलू और अंतरराष्ट्रीय विश्वसनीयता खत्म होने का जोखिम है।
बिहार चुनाव बेहद महत्वपूर्ण
मूडीज ऐनेलिटिक्स ने अपनी में कहा कि बिहार में हो रहा है विधानसभा चुनाव मोदी के नेतृत्व के लिए महत्वपूर्ण होगा। एजेंसी ने कहा बिहार में भाजपा की सरकार नहीं है इसलिए यहां जीतने से राज्य सभा में बहुमत प्राप्त करने में मदद मिलेगी। मूडीज ने अनुमान जताया है कि सितंबर की तिमाही में भारत जीडीपी वृद्धि दर 7.3 प्रतिशत रहेगी, जबकि पूरे वित्त वर्ष के दौरान यह 7.6 प्रतिशत रहेगी।
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