नई दिल्ली। मूडीज इंवेस्टर सर्विस ने कहा कि कारोबार माहौल को बेहतर बनाने के लिए सुधारों को निरंतर आगे बढ़ाने और महंगाई दर में नरमी से भारत को मजबूत ग्रोथ हासिल करने में मदद मिलेगी। हालांकि, एजेंसी ने आगाह किया कि बैंक क्षेत्र में समस्या बनी हुई है और जवाबदेही जोखिम से ऋण गुणवत्ता पर असर पड़ सकता है। मूडीज ने अपने सालाना साख विश्लेषण में कहा है कि ग्रोथ को गति देने वाले आर्थिक एवं संस्थागत सुधार साख को बेहतर बनाने में मदद करेगा। मूडीज ने अगले दो साल के लिए ग्रोथ करीब 7.5 फीसदी रहने का अनुमान जताया है।
मूडीज ने कहा, सतत राजकोषीय सुदृढ़ीकरण, नरमी के साथ स्थिर महंगाई दर और कारोबारी माहौल में सुधार के इरादे से सुधारों के मोर्चे पर प्रगति मजबूत एवं सतत वृद्धि में मददगार होगी। इससे सतत राजस्व तथा लाभ में बढ़ोतरी से सरकार का राजस्व बढ़ेगा और राजकोषीय स्थिति सुधरेगी। हालांकि हमारा मानना है कि लाभ धीमे-धीमे होगा। मूडीज ने कहा कि मजबूत वृद्धि संभावना और उच्च निजी बचत दर भारत के साख की रूपरेखा को मदद करती है। उसने कहा, इसके विपरीत अगर उन लक्ष्यों के मामले में प्रगति धीमी होती है या बैंक क्षेत्र से संबंधित जवाबदेही जोखिम बढ़ता है तो भारत के साख की गुणवत्ता पर असर पड़ सकता है।
मूडीज ने कहा कि भारत में मजबूती के साथ उच्च सरकारी ऋण बोझ (2015 में जीडीपी का 67.4 प्रतिशत), प्रतिस्पर्धा के मामले में नियामकीय तथा बुनियादी ढांचा संबंधी बाधा, नीतिगत सुधारों की धीमी गति तथा सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों पर जवाबदेही जोखिम में वृद्धि तथा फंसे कर्ज में वृद्धि जैसे चिंतनीय विषय भी हैं। यह भारत की मजबूती को संतुलित करता है। उसने कहा, नीति निर्माता वृद्धि को गति देने के लिए प्रयास कर रहे हैं और संस्थागत सुधारों को आगे बढ़ा रहे हैं, यह साख को उन्नत बनाने में मददगार होगा।
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