नई दिल्ली। भारतीय अर्थव्यवस्था की ग्रोथ रेट 2016-17 के दौरान 7.5 फीसदी रहने का अनुमान है। मूडीज इन्वेस्टर्स सर्विस का मानना है कि चीन में आई मंदी जैसी समस्या से निपटने के लिए भारत तैयार है, जिसके कारण अर्थव्यवस्था पर इसका असर कम होगा। मूडीज ने कहा कि ग्लोबल स्तर पर कमोडिटी की गिरती कीमतों से भी भारत को फायदा होगा। हालांकि, एजेंसी ने चेतावनी दी कि बैंकों की बैलेंस शीट को दुरूस्त करने और भारी-भरकम कॉर्पोरेट कर्ज के कारण आर्थिक माहौल आम तौर पर प्रभावित है।
अगले दो साल तक ग्लोबल अर्थव्यवस्था में सुस्ती की आशंका
मूडीज ने अपनी रिपोर्ट में कहा कि ग्लोबल ग्रोथ रेट अगले दो साल में तेजी नहीं आने की आशंका है। दहरअसल चीन में नरमी, कमोडिटी की कीमतों में गिरावट और कुछ देशों में फाइनेंसियल क्रंच का अर्थव्यवस्था पर असर हो रहा है। एजेंसी ने कहा, इस लिहाज से भारत चीन में नरमी और वैश्विक पूंजी प्रवाह समेत अन्य वाह्य तत्वों से कम प्रभावित है। बजाय इसके आर्थिक दृष्टिकोण मुख्य तौर पर घरेलू तत्वों से प्रभावित होगा।
गिरीत कमोडिटी की कीमतों का मिलेगा फायदा
जी-20 देश में चीन और तुर्की के साथ भारत को भी 2014 में कमोडिटी की कीमतों में आई गिरावट का फायदा मिला था। इस दौरान भारत ने अपनी जीडीपी के 5.9 फीसदी के बराबर कमोडिटी इंपोर्ट किया था। हालांकि, एक्सपोर्ट के मोर्चे पर भारत को फायदा नहीं मिल सका है। मूडीज ने कहा कि भारत को बढ़ते कंज्यूमर स्पेंडिंग से सहारा मिल रहा है।
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