नई दिल्ली। संसद के मानसून सत्र की आज से शुरुआत होने जा रही है। सत्र के दौरान विपक्ष सरकार को गौरक्षकों के मुद्दे, चीन के साथ बढ़े विवाद और कश्मीर के हालात पर सरकार को घेरने की तैयारी करेगा वहीं इस सत्र में आपके पैसे से जुड़े कई अहम बिल भी पेश होने हैं। सत्र के दौरान बैंकिंग रेग्युलेशन बिल 2017, रिपील ऑफ स्टेट बैंक ऑफ इंडिया एक्ट 1959, फाइनेशियल रिसोल्यूशन एंड डिपॉजिट इंश्योरेंस बिल 2017 और नाबार्ड बिल 2017 पेश होने हैं।
बैंकिंग रेग्युलेशन बिल 2017 मई में जारी हुए ऑर्डिनेंस की जगह लेगा, बैंकिंग रेग्युलेशन बिल के तहत रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया को अधिकार होंगे कि वह लोन डिफॉल्ट होने की स्थिति में बैंक को निर्देश दे सकता है कि डिफॉल्टर के खिलाफ कार्रवाई करे।
रिपील ऑफ स्टेट बैंक ऑफ इंडिया एक्ट 1959 को भी टेबल किया जाना है क्योंकि स्टेट बैंक के उसके 5 सहकारी बैंकों और महिला बैंक का विलय करने के लिए यह जरूरी है।
टेबल होने वाले ज्यादातर बिलों में सबसे अहम फाइंनेशियल रिसोल्यूशन एंड डिपॉजिट इंश्योरेंस बिल 2017 है जिसके पास होने से रिसोल्यूशन कार्पोरेशन का गठन हो सकेगा। यह कार्पोरेशन बैंकों, इंश्योरेंस कंपनियों और अन्य वितीय संस्थानों में बैंकरप्सी के मामलों को देखेगा।
मानसून सत्र में नाबार्ड बिल 2017 भी शामिल होगा, यह बिल पहले ही बजट सत्र में पेश किया जा चुका है। बिल के पास होने से नाबार्ड को सालाना 30,000 करोड़ रुपये खर्च करने का अधिकार मिल सकेगा। फिलहाल 5,000 करोड़ तक की लिमिट है।
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