1 जून को केरल पहुंचेगा मानसून, IMD ने कहा बंगाल की खाड़ी में चक्रवात बनने से हुई प्रगति
आईएमडी ने कहा है कि 31 मई से 4 जून के बीच दक्षिणपूर्व और उससे सटे पूर्व मध्य अरब सागर के ऊपर एक कम दबाव का क्षेत्र बनने की संभावना है। इसे देखते हुए, केरल में दक्षिण-पश्चिम मानूसन की शुरुआत के लिए 1 जून से परिस्थितियां अनुकूल होने की संभावना है।
नई दिल्ली। दक्षिणपश्चिम मानसून के अपने सामान्य समय यानी एक जून को केरल पहुंचने की संभावना है। भारतीय मौसम विज्ञान विभाग ने गुरुवार को कहा कि बंगाल की खाड़ी में चक्रवात के बनने से मानसून को आगे बढ़ने में मदद मिल रही है। भारतीय मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) ने इससे पहले 15 मई को जारी किए गए अपने अनुमान में कहा था कि इस बार मानसून में देरी हो सकती है और यह केरल 5 जून तक पहुंचेगा। मानसून के केरल पहुंचने की सामान्य तारीख एक जून ही है।
आईएमडी ने कहा है कि 31 मई से 4 जून के बीच दक्षिणपूर्व और उससे सटे पूर्व मध्य अरब सागर के ऊपर एक कम दबाव का क्षेत्र बनने की संभावना है। इसे देखते हुए, केरल में दक्षिण-पश्चिम मानूसन की शुरुआत के लिए 1 जून से परिस्थितियां अनुकूल होने की संभावना है। आईएमडी के मुताबिक इस साल देश में सामान्य मानसून रहेगा।
मौसम पूर्वानुमान से जुड़ी निजी मौसम एजेंसियों ने मानसून के तय समय से पहले केरल पहुंचने का अनुमान व्यक्त किया था। केरल में मानसून पहुंचने के साथ ही देश में जून से सितंबर तक के चार महीने लंबे बरसात के मौसम की शुरुआत हो जाती है। सामान्य निर्धारित तिथि के अनुसार, मानसून एक जून को केरल पहुंचता है।
स्काईमेट वेदर का कहना है कि मानसून 28 मई को ही केरल पहुंच जाएगा, वहीं वेदर कंपनी ने इसके लिए 31 मई की तारीख तय की है। बंगाल की खाड़ी में चक्रवाती तूफान के कारण अंडमान-निकोबार द्वीपसमूह में मानसून अपनी सामान्य तारीख 22 मई से छह दिन पहले 16 मई तक आ सकता है। पिछले वर्ष अंडमान-निकोबार में मानसून अपनी तय तारीख से दो दिन पहले 18 मई को आ गया था लेकिन गति धीमी पड़ने से केरल में यह आठ जून को पहुंचा था और पूरे देश में मानसून की आमद 19 जुलाई को हुई थी।
इस वर्ष मानसून सामान्य रहेगा। देश में 75 फीसदी तक बारिश जून से सितंबर में दक्षिण-पश्चिम मानसून से होती है यह देश में न केवल खेती के लिए महत्वपूर्ण है बल्कि जलाशयों में पानी भरने के साथ ही अर्थव्यवस्था के लिए भी जरूरी है जो मुख्य तौर पर कृषि आधारित है। वहीं देश में उत्तरपूर्वी मानसून भी बारिश लेकर आता है। उत्तरपूर्वी मानसून से अक्टूबर से दिसंबर के बीच तमिलनाडु, पुडुचेरी, केरल और आंध्र प्रदेश के हिस्सों में बारिश होती है। इस साल भारतीय मौसम विभाग ने 1960 से 2019 के आंकड़ों के आधार पर देश के विभिन्न हिस्सों में मानसून के सक्रिय होने और जाने की तारीखों को संशोधित किया है। पिछली तारीखें 1901 और 1940 के आंकड़ों पर आधारित थीं। केरल में मानसून आने की तारीख हालांकि अब भी एक जून ही है।
राष्ट्रीय राजधानी में मानसून की नई सामान्य तारीख 23 जून से बढ़ाकर 27 जून कर दी गई है यानी दिल्ली में चार दिन की देरी से मानसून दस्तक देगा। इसी तरह से मुंबई और कोलकाता में मानसून की तारीख 10 जून से 11 जून की गई है और चेन्नई के लिए एक जून से चार जून की गई है। हालांकि उत्तर पश्चिम भारत के सुदूरवर्ती हिस्से में मानसून मौजूदा 15 जुलाई की अपेक्षा आठ जुलाई को पहुंच जाएगा। वहीं, मानसून के वापस जाने की तारीख दक्षिण भारत में 15 अक्टूबर है।