नई दिल्ली। विदेश में अगर आप पैसे भेजते हैं तो अब आपको सावधान रहने की जरूरत हैं। इसमें कुछ नियमों को ध्यान रखना जरूरी है। जो लोग विदेश पैसे भेजते हैं उनको 1 अक्टूबर से लागू होने वाले स्रोत पर कर संग्रह (TCS: Tax Collected at Source) प्रावधान को ध्यान में रखना होगा। 2020 के फाइनेंस एक्ट के मुताबिक, आरबीआई के लिब्रालाइज्ड रेमिटैंस स्कीम के तहत विदेश भेजे जाने वाले पैसे पर 5 प्रतिशत टीसीएस देना होगा।
हालांकि सरकार ने इस मामले में कुछ छूट दी है, जिसके तहत विदेश भेजे जाने वाले सभी पैसों पर यह टैक्स लागू नहीं होगा। उदाहरण के तौर पर यह नियम भेजी जाने वाली राशि के 700,000 रुपए से कम होने या कोई टूर पैकेज खरीदने पर लागू नहीं होगा। इसके अलावा विदेश भेजे जाने वाली 700,000 रुपये से अधिक की राशि पर यह टैक्स तभी लागू होगा, जब यह राशि किसी टूर पैकेज के लिए नहीं होगी।
बहुत से भारतीय लोग विदेशों में पढ़ाई के लिए बैंकों या वित्तीय संस्थाओं से कर्ज लेते हैं। इस स्थिति को ध्यान में रखते हुए यह नियम बनाया गया है कि वित्तीय संस्थाओं से लोन लेकर जो पैसे पढ़ाई के लिए विदेश भेजे गए हैं और वो 700,000 रुपए से ज्यादा हैं तो 0.5 प्रतिशत टीसीएस लगाया जाएगा।
इसके अलावा देश में तमाम टैक्स पेयर्स पर टीडीएस लागू होता है। ऐसे में यह नियम बनाया गया है कि अगर विदेश भेजने वाले टैक्स पेयर्स पर पहले से टीडीएस लागू हो चुका है तो उस पर टीसीएस से संबंधित प्रावधान लागू नहीं होंगे। 17 मार्च को फाइनेंस एक्ट में इन नियमों का ऐलान किया गया है, जो कि 1 अक्टूबर से लागू होंगे।
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