नई दिल्ली। जेम्स एंड ज्वैलरी सेक्टर में कालधन पर लगाम लगाने के लिए सरकार ने बड़ा फैसला किया है। सरकार ने जेम्स एंड ज्वैलरी सेक्टर में 2 करोड़ रुपए सालाना टर्नओवर रखने वाले ज्वैलर्स को तुरंत प्रभाव से प्रिवेंशन ऑफ मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट (PMLA) के दायरे में शामिल करने का निर्देश जारी किया है। इस निर्देश के बाद महंगी धातु या महंगे रत्न का कारोबार करने वाले वह सभी ज्वैलर्स PMLA के दायरे में आ जाएंगे जिनका सालान टर्नओवर 2 करोड़ रुपए से अधिक है।
2 करोड़ रुपए के टर्नओवर की लिमिट पिछले वित्तवर्ष के टर्नओवर के आधार पर मान्य होगी। इस एक्ट के तहत सरकार ने डायरेक्टर जनरल ऑफ गुड्स एंड सर्विस टैक्स इंटेलिजेंस की नियुक्ति कर दी है। पिछले साल नोटबंदी के तुरंत बाद जब शिकायतें मिली थी कि कुछ ज्वैलर्स पुराने नोटों के बदले में सोने की बिक्री कर रहे थे, शिकायतों के मिलने के बाद आयकर विभाग ने कई ज्वैलर्स पर छापेमारी भी की थी। सूत्रों के मुताबिक ज्वैलर्स की तरफ से पुराने नोटों के बदले सोना बेचने की शिकायतों के बाद सरकार ने इस तरह का नियम लागू करने का फैसला किया था लेकिन इसे लागू इसी महीने किया गया है। 23 अगस्त को इसे लेकर सरकार की तरफ से अधिसूचना जारी हुई है।
सरकार के इस फैसले के बाद ग्रामीण क्षेत्रों में कई ज्वैलर्स PMLA के दायरे में आ जाएंगे। साथ में ज्वैलर्स को PMLA से बचने के लिए ज्वैलरी की बिक्री के समय पूरे KYC नियमों का पालन करना होगा। KYC नियमों के तहत 50,000 रुपए से ज्यादा की ज्वैलरी बेचने पर ग्राहक का पैन नंबर रखना जरूरी है। हालांकि कुछ जानकार ऐसा भी मान रहे हैं कि सरकार के इस फैसले से सोने की तस्करी को बढ़ावा मिलेगा और तस्करी के जरिए देश में आने वाले सोने की बिक्री को भी बढ़ावा मिलेगा।
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