नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को बाबासाहेब भीमराव अंबेडकर के 125वीं जयन्ती वर्ष समारोह के तहत 125 रूपए और 10 रूपए के स्मारक सिक्के जारी किए। ये सिक्के बाबासाहेब अंबेडकर के महापरिनिर्वाण दिवस के रूप में मनाई जा रही उनकी पुण्यतिथि पर जारी किए गए। प्रधानमंत्री ने अपने आवास पर एकत्रित लोगों को संबोधित करते हुए कहा कि ऐसे कुछ ही लोग हैं जो निधन के 60 साल बाद भी जन चेतना में अब भी जीवित हैं।
अंबेडकर और संविधान की हमेशा चर्चा होनी चाहिए
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा हम भारत के सामने फिलहाल मौजूद मुद्दों के संदर्भ में जितना अंबेडकर के विचारों को याद करेंगे, हम उनके दृष्टिकोण और समग्रता के उनके रूख का उतना ही अधिक सम्मान करेंगे। प्रधानमंत्री ने कहा कि सामाजिक न्याय के प्रति उनके योगदान को पहचान मिली है लेकिन उनके आर्थिक विचारों और दृष्टिकोण को अब भी पूरी तरह से समझा नहीं गया है और इसकी सराहना होनी चाहिए। मोदी ने कहा कि अंबेडकर और भारत के संविधान की इस देश में हमेशा चर्चा होनी चाहिए और 26 नवंबर को संविधान दिवस मनाना इस दिशा में एक कदम था।
अंबेडकर के नजरिए की प्रशंसा होनी चाहिए: मोदी
प्रधानमंत्री कार्यालय द्वारा जारी एक प्रेस विग्यप्ति में कहा गया कि महिला सशक्तिकरण, भारत के संघीय ढांचे, वित्त और शिक्षा जैसे विषयों पर अंबेडकर के नजरिए की प्रशंसा होनी चाहिए। वित्त मंत्री अरूण जेटली और सामाजिक न्याय एवं सशक्तिकरण थावर चंद गहलोत इस मौके पर मौजूद थे। इससे पहले रविवार, मोदी ने संसद परिसर लॉन में अंबेडकर की प्रतिमा पर पुष्पांजलि अर्पित की। उन्होंने ट्विटर पर अंबेडकर की प्रतिमा के साथ अपनी तस्वीर डालते हुए लिखा कि बाबासाहेब अंबेडकर को उनकी पुण्यतिथि पर याद करते हुए।
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