नई दिल्ली। भारतीय जनता पार्टी के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार ने अपने कार्यकाल के साढ़े तीन वर्ष के दौरान पीएम मोदी और उनकी योजनाओं के प्रचार-प्रसार के लिए विज्ञापनों पर लगभग 3,755 करोड़ रुपए खर्च किए हैं। एक आरटीआई के जरिये मिली जानकारी के मुताबिक अप्रैल-2014 से अक्टूबर-2017 तक सरकार ने इलेक्ट्रॉनिक, प्रिंट मीडिया और आउटडोर विज्ञापनों पर लगभग 3,755 करोड़ रुपए खर्च किए हैं।
सूचना और प्रसारण मंत्रालय द्वारा दिए गए आरटीआई के जवाब में कहा गया है कि केंद्र सरकार ने सामुदायिक रेडियो, डिजिटल सिनेमा, दूरदर्शन, इंटरनेट, एसएमएस व टीवी समेत इलेक्ट्रॉनिक मीडिया में विज्ञापन पर करीब 1,656 करोड़ रुपए खर्च किए हैं। प्रिंट मीडिया के लिए सरकार ने 1,698 करोड़ रुपए से ज्यादा खर्च किए। सरकार ने आउटडोर विज्ञापनों, जिसमें होर्डिग, पोस्टर, बुकलेट्स व कैलेंडर शामिल हैं, पर 399 करोड़ रुपए से अधिक खर्च किए। केंद्र सरकार ने एक जून, 2014 से 31 अगस्त, 2016 के बीच ऐसे विज्ञापनों पर 11,00 करोड़ रुपए खर्च किए, जिनमें प्रधानमंत्री मोदी को दिखाया गया था।
मंत्रालय ने विज्ञापन खर्च पर जो आंकड़े दिए हैं, उसके अनुसार, एक जून-2014 से 31 मार्च-2015 के बीच 448 करोड़ रुपए खर्च किए गए। वहीं एक अप्रैल- 2015 से 31 मार्च- 2016 तक 542 करोड़ रुपए तथा एक अप्रैल- 2016 से 31 अगस्त- 2016 तक 120 करोड़ रुपए खर्च किए गए हैं। ये आंकड़े केवल टेलीविजन, इंटरनेट व अन्य इलेक्ट्रॉनिक माध्यमों पर खर्च किए गए आंकड़े हैं, जिसमें आउटडोर व प्रिंट विज्ञापन पर किया गया खर्च शामिल नहीं है।
वर्ष 2015 में एक आरटीआई से खुलासा हुआ था कि केंद्र ने जुलाई 2015 तक प्रधानमंत्री के मासिक कार्यक्रम 'मन की बात' के लिए अखबारों में करीब 8.5 करोड़ रुपए के विज्ञापन दिए थे। भाजपा और कांग्रेस दोनों ने आम आदमी पार्टी की वर्ष 2015 में उनकी उपलब्धि को दर्शाते विज्ञापन पर 526 करोड़ रुपए खर्च करने पर पार्टी की काफी आलोचना की थी।
Latest Business News