नया IT पोर्टल बनाने के लिए Infosys को दिए गए 164.5 करोड़ रुपये, अभी तक खत्म नहीं हुए तकनीकी दिक्कतें
इंटीग्रेटेड ई-फाइलिंग और सेंट्रलाइज्ड प्रोसेसिंग सेंटर 2.0 प्रोजेक्ट के हिस्से के रूप में इस साल 7 जून को नए इनकम टैक्स ई-फाइलिंग पोर्टल की शुरुआत की गई।
नई दिल्ली। केंद्र सरकार ने जनवरी 2019 से जून 2021 के बीच आईटी कंपनी इंफोसिस (Infosys) को नया इनकम टैक्स ई-फाइलिंग पोर्टल बनाने के लिए 164.5 करोड़ रुपये का भुगतान किया है। सोमवार को संसद में यह जानकारी दी गई। उल्लेखनीय है कि गत सात जून को काफी जोरशोर से नए आयकर पोर्टल www. incometax. gov. in की शुरुआत की गई थी। शुरुआत से ही पोर्टल पर तकनीकी दिक्कतें आ रही हैं। इसी के चलते वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने 22 जून को इंफोसिस के अधिकारियों के साथ बैठक की थी। इंफोसिस ने कहा कि वह इन खामियों को दूर करने के लिए तेजी से काम कर रही है और वर्तमान में यह उसकी सबसे बड़ी प्राथमिकता है।
वित्त राज्य मंत्री पंकज चौधरी ने एक लिखित उत्तर में कहा कि ई-फाइलिंग और केंद्रीयकृत प्रसंस्करण केंद्र एकीकरण परियोजना के लिए ठेका सेंट्रल पब्लिक प्रोक्योरमेंट पोर्टल पर जारी ओपन टेंडर के माध्यम से इंफोसिस को सबसे कम लागत मूल्य के आधार पर दिया गया था। इस परियोजना के लिए जनवरी 2019 से जून 2021 तक इंफोसिस को 164.5 करोड़ रुपये का भुगतान किया गया है।
उत्तर में आगे कहा गया है कि 16 जनवरी, 2019 को केंद्रीय मंत्रिमंडल ने 8.5 साल की अवधि के लिए 4,241.97 करोड़ रुपये के खर्च पर इस परियोजना के लिए अपनी मंजूरी दी थी। इसमें मैनेज्ड सर्विस प्रोवाइडर का भुगतान, जीएसटी, किराया, पोस्टेज और प्रोजेक्ट मैनेजमेंट कॉस्ट शामिल है। इसके पीछे उद्देश्य रिटर्न के जांच के समय को 63 दिन से घटाकर एक दिन करना और रिफंड की प्रक्रिया को तेज करना था।
इंटीग्रेटेड ई-फाइलिंग और सेंट्रलाइज्ड प्रोसेसिंग सेंटर 2.0 प्रोजेक्ट के हिस्से के रूप में इस साल 7 जून को नए इनकम टैक्स ई-फाइलिंग पोर्टल की शुरुआत की गई। चौधरी ने कहा कि करदाता, कर पेशेवर और अन्य हितधारकों ने नए पोर्टल में दिक्कतों की शिकायत की है। अब तक इसपर 10 लाख आयकर रिटर्न (आईटीआर) दाखिल किए जा चुके हैं।
इंफोसिस के मुख्य कार्यपालक अधिकारी एवं प्रबंध निदेशक सलिल पारेख ने कुछ दिन पहले कहा था कि हम नए पोर्टल पर सभी सुविधाएं उपलब्ध कराने के लिए कड़ी मेहनत कर रहे हैं। हम बहुत तेजी से काम कर रहे हैं। बड़ी संख्या में आईटीआर भी दाखिल किए गए हैं। पोर्टल में अभी भी कुछ काम है जिसे किए जाने की जरूरत है। कंपनी को विश्वास है कि इन सभी स्थितियों को चरणबद्ध तरीके से हल कर लिया जाएगा और सभी मुद्दों का समाधान किया जाएगा।
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