मोदी सरकार ने मानी अपनी गलती, बताया लघु बचत योजनाओं की ब्याज दरों में कटौती वापस लेने का कारण
सीतारमण ने गुरुवार सुबह ट्वीट कर कहा कि भारत सरकार की लघु बचत योजनाओं पर ब्याज दर वही रहेगी, जो 2020-2021 की अंतिम तिमाही में थी
नई दिल्ली। केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने गुरुवार को कहा कि केंद्र सरकार पीपीएफ तथा एनएससी जैसी लघु बचत योजनाओं के ब्याज दर में की गई बड़ी कटौती वापस लेगी। उन्होंने कहा कि ब्याज दरों में इतनी बड़ी कटौती गलती से हो गई थी, इसलिए सरकार ने इसे वापस लेने का फैसला लिया है। हालांकि, माना जा रहा है कि पश्चिम बंगाल, असम और तीन अन्य राज्यों में चल रहे विधानसभा चुनावों में भाजपा को किसी नुकसान से बचाने के लिए ब्याज दरों में कटौती का निर्णय वापस लिया गया है।
लघु बचत योजनाओं में निवेश करने वाले लोगों को झटका देते हुए सरकार ने बुधवार को लोक भविष्य निधि (पीपीएफ) और एनएससी (राष्ट्रीय बचत प्रमाण पत्र) समेत लघु बचत योजनाओं पर ब्याज दरों में 1.1 प्रतिशत तक की कटौती की थी। इसके एक दिन बाद गुरुवार को यह फैसला उस समय वापस लेने का ऐलान किया गया, जब पश्चिम बंगाल में दूसरे चरण के मतदान हो रहे हैं। आज ही नंदीग्राम सीट पर भी मतदान है, जहां से पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी चुनाव लड़ रही हैं।
सीतारमण ने गुरुवार सुबह ट्वीट कर कहा कि भारत सरकार की लघु बचत योजनाओं पर ब्याज दर वही रहेगी, जो 2020-2021 की अंतिम तिमाही में थी, यानी जो दरें मार्च 2021 तक थीं। पहले दिया गया आदेश वापस लिया जाएगा। त्त मंत्रालय की अधिसूचना के अनुसार, पीपीएफ पर ब्याज 0.7 प्रतिशत कम कर 6.4 प्रतिशत जबकि एनएससी पर 0.9 प्रतिशत कम कर 5.9 प्रतिशत कर दिया गया था।
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लघु बचत योजनाओं पर ब्याज की दर को तिमाही आधार पर अधिसूचित किया जाता है। ब्याज में सर्वाधिक 1.1 प्रतिशत की कटौती एक साल की मियादी जमा राशि पर की गई थी। इस पर ब्याज 5.5 प्रतिशत से कम करके 4.4 प्रतिशत करने का फैसला किया गया था। पुरानी दरें बहाल होने के बाद पीपीएफ और एनएससी पर क्रमश: 7.1 प्रतिशत और 6.8 प्रतिशत की दर से वार्षिक ब्याज मिलता रहेगा। इस तरह सुकन्या समृद्धि योजना के लिए 7.6 प्रतिशत ब्याज मिलता रहेगा, जबकि पहले इसे घटाकर 6.9 प्रतिशत करने की बात कही गई थी। पांच वर्षीय वरिष्ठ नागरिक बचत योजना के लिए ब्याज दर 7.4 प्रतिशत पर बरकरार रखी जाएगी। वरिष्ठ नागरिकों की योजना पर ब्याज का भुगतान त्रैमासिक आधार पर किया जाता है। बैंक बचत जमा पर ब्याज दर चार प्रतिशत होगी, जबकि इसे घटाकर 3.5 प्रतिशत करने का प्रस्ताव था।
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