मोदी सरकार ने 2014 से अबतक 296 मोबाइल एप्स को किया बंद, देश की सुरक्षा का दिया हवाला
सरकार द्वारा भारत की संप्रभुता और अखंडता, देश की सुरक्षा और सार्वजनिक हित में आईटी एक्ट 2000 की धारा 69ए के प्रावधानों के तहत 2014 से लेकर अबतक कुल 296 मोबाइल एप्लीकेशन को प्रतिबंधित किया गया है।
नई दिल्ली। केंद्र की मोदी सरकार ने 2014 से लेकर अबतक कुल 296 मोबाइल एप्स (mobile apps) को प्रतिबंधित किया है। केंद्रीय मंत्री संजय धोत्रे ने गुरुवार को राज्यसभा में बताया कि देश की संप्रभुता, सुरक्षा और सार्वजनिक हित में सरकार ने इन मोबाइल एप्स पर प्रतिबंध लगाया है।
इलेक्ट्रॉनिक्स और आईडी राज्य मंत्री संजय धोत्रे ने राज्यसभा में एक लिखिल जवाब में कहा कि सरकार द्वारा भारत की संप्रभुता और अखंडता, देश की सुरक्षा और सार्वजनिक हित में आईटी एक्ट 2000 की धारा 69ए के प्रावधानों के तहत 2014 से लेकर अबतक कुल 296 मोबाइल एप्लीकेशन को प्रतिबंधित किया गया है।
मंत्री ने यह भी बताया कि गृह मंत्रालय को ऐसी रिपोर्ट प्राप्त हुई थी कि कुछ एंड्रॉयड और आईओएस प्लेटफॉर्म पर उपलब्ध कुछ चीनी मोबाइल एप्स का गलत इस्तेमाल किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि बहुत सी रिपोर्ट में यह सामने आया कि इन एप्स का इस्तेमाल गलत तरीके से यूजर डाटा चुराने और ट्रांसमिटिंग करने का काम किया जा रहा है। इसमें फाइनेंशियल डाटा, डिवाइस में उपलब्ध डाटा आदि को ट्रांसफर किया जा रहा है। इतना ही नहीं भारत के बाहर स्थित सर्वर में रियल-टाइम एक्टिविटी का डाटा भी भेजा जा रहा था।
उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय सुरक्षा और मौजूदा तनावग्रस्त सीमा स्थिति के मद्देनजर ऐसा करना जरूरी था। धोत्रे ने कहा कि इन एप्स का भारत में करोड़ों लोगों द्वारा उपयोग किया जा रहा था और बड़ी संख्या में यूजर डाटा का संग्रह, विश्लेषण ऐसे लोगों द्वारा किया जा रहा था जो देश की संप्रभुता और अखंडता, राष्ट्रीय सुरक्षा, भारत की सेना के साथ ही साथ जनता की रक्षा को नुकसान पहुंचा सकते थे।
एक अन्य उत्तर में मंत्री ने कहा कि इंटरनेट यूजर्स, मोबाइल एप्स और नई उभरती टेक्नोलॉजी के बढ़ती संख्या की वजह से इस तरह की एप्स और वेबसाइट द्वारा व्यक्तिगत डाटा का संग्रहण करने में भी वृद्धि हो रही है। उन्होंने बताया कि सरकार ने पर्सनल डाटा प्रोटेक्शन बिल, 2019 को पहले ही संसद में पेश किया है और वर्तमान में यह संयुक्त संसदीय समिति के तहत विचाराधीन है। यह बिल भारतीय नागरिकों को निजता और सुरक्षा प्रदान करने वाला है।
धोत्रे ने बताया कि इलेक्ट्रॉनिक्स एंड इंफोर्मेशन टेक्नोलॉजी मंत्रालय ने इंटरमीडियरिज गाइडलाइंस रूल्स के लिए ड्राफ्ट तैयार किया है। ड्राफ्ट इंफोर्मेशन टेक्नोलॉजी रूल्स, 2018 को सार्वजनिक विचारों के लिए रखा गया है। उन्होंने बताया कि प्रस्तावित ड्राफ्ट रूल्स पर प्राप्त सुझावों और विचारों को इलेक्ट्रॉनिक्स एंड इंफोर्मेशन टेक्नोलॉजी वेबसाइट पर फरवरी 2019 को उपलब्ध कराया गया है।
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