मोदी सरकार ने की नई MRO पॉलिसी की घोषणा, सिविल एविएशन सेक्टर के लिए पेश की 100 दिवसीय कार्य योजना
पिछले साल मार्च में जीएसटी परिषद ने एमआरओ सेवाओं पर जीएसटी को 18 प्रतिशत से घटाकर पांच प्रतिशत करने का फैसला किया था।
नई दिल्ली। केंद्र की मोदी सरकार ने गुरुवार को रखरखाव, मरम्मत और पूर्ण जांच (एमआरओ) गतिविधियों के लिए एक नई नीति की घोषणा की। नागरिक उड्डयन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कहा कि इसका उद्देश्य भारत को एमआरओ का वैश्विक केंद्र बनाना है। उन्होंने यहां संवाददाताओं से कहा कि एमआरओ के संबंध में असैन्य और सैन्य कार्यों के बीच तालमेल पर भी चर्चा चल रही है। एमआरओ गतिविधियों को बढ़ावा देने और निवेश को आकर्षित करने के लिए सरकार ने दिल्ली और कोलकाता सहित आठ हवाई अड्डों का चयन किया है। इस समय ऐसे ज्यादातर काम देश के बाहर किए जाते हैं।
पिछले साल मार्च में जीएसटी परिषद ने एमआरओ सेवाओं पर जीएसटी को 18 प्रतिशत से घटाकर पांच प्रतिशत करने का फैसला किया था। इस मौके पर सिंधिया ने देश के नागरिक उड्डयन क्षेत्र के लिए 100 दिवसीय कार्य योजना की घोषणा की, जिसमें नीतिगत उपायों के साथ ही हवाई अड्डों के विकास से जुड़ी योजनाएं शामिल हैं। उन्होंने कहा कि योजना 16 क्षेत्रों पर केंद्रित होगी और इसे संयुक्त परामर्श के बाद तैयार किया गया है।
इन 16 क्षेत्रों में से आठ नीति से संबंधित हैं और चार का संबंध सुधारों से है। क्षेत्रीय हवाई संपर्क योजना उड़ान के तहत हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड में छह हेलीपोर्ट विकसित किए जाएंगे। सिंधिया ने कहा कि कोरोना वायरस महामारी की वजह से नागरिक उड्डयन क्षेत्र बुरी तरह प्रभावित हुआ है और धीरे-धीरे अब इसमें सुधार आ रहा है।
सिंधिया ने बताया कि नीतिगत स्तर पर जो 8 लक्ष्य रखे गए हैं उनमें पहला हवाईअड्डों के लिए भूमि आवंटन करने के लिए 29 राज्यों को हमने पत्र लिखे हैं। दूसरा मुद्दा है एयर टरबाइन फ्यूल पर प्रत्येक राज्य VAT लगाते है, उन्हें कम करना ताकि नागर विमानन क्षेत्र को आगे बढ़ाया जा सके।
महाराष्ट्र में सिंधुदुर्ग और कुशीनगर, उत्तर प्रदेश , साथ ही 6 नए हेलीपोर्ट और 50 नए UDAN रुट को संचालित करना,जिसमें से 30 रूट अक्टूबर तक संचालित होंगे। केपटाउन कन्वेंशन विधेयक को लाया जाएगा, जिससे लीजिंग कंपनियों को एक गारंटी दी जा सके- उस पर एक मसौदा बनाने की कोशिश।
एयर सेवा पोर्टल का परिवर्तन करना ताकि उसे यात्रियों के लिए और आसान व लाभकारी बनाया जा सके। डीजी यात्रा परियोजना को आरम्भ करना- जिसका पायलट प्रोजेक्ट अभी गतिशील है। DGCA की सेवाओं को e-GCA में परिवर्तित करना, जिसमें अभी तक 289 सेवाओं को ऑनलाइन लाया जा चुका है। इसी प्रकार BCAS में ईज ऑफ डूइंग बिजनेस के लिए e-BCAS का सृजन करना। राष्ट्रीय उड़ान अकादमी IGRUA का विस्तारीकरण।
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