4 साल में 400 रेलवे स्टेशन और 90 यात्री रेलगाड़ियों को बेचेगी सरकार, जुटाएगी 1.52 लाख करोड़ रुपये
इसमें से 17,180 करोड़ रुपये चालू वित्त वर्ष में, 57,222 करोड़ रुपये अगले वित्त वर्ष (2022-23), 2023-24 में 44,907 करोड़ रुपये और 2024-25 में 32,557 करोड़ रुपये एकत्रित किए जाएंगे।
नई दिल्ली। केंद्र की मोदी सरकार ने मौद्रिकरण के लिए कुल 400 रेलवे स्टेशनों, 90 यात्री रेलगाड़ियों, रेलवे के कई खेल स्टेडियम और कॉलोनियों के साथ ही प्रसिद्ध कोंकण और पहाड़ी रेलवे की पहचान की है। सड़क के बाद रेलवे दूसरा सबसे बड़ा क्षेत्र है, जिसे महत्वाकांक्षी राष्ट्रीय मौद्रिकरण योजना में शामिल किया गया है। वित्त वर्ष 2025 तक चार वर्षों में रेलवे की ब्राउनफील्ड अवसंरचना संपत्तियों का मौद्रिकरण कर 1.52 लाख करोड़ रुपये से अधिक की राशि हासिल की जाएगी। ब्राउनफील्ड संपत्तियों से आशय ऐसी अवसंरचनाओं से है, जो फिलहाल उपयोग में नहीं हैं और उन्हें विकसित किया जाना है।
एनएमपी में रेलवे का योगदान 26 प्रतिशत
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा सोमवार को जारी की गई छह लाख करोड़ रुपये की राष्ट्रीय मौद्रिकरण योजना (एनएमपी) में रेलवे की संपत्ति का 26 प्रतिशत योगदान होगा। वित्त वर्ष 2022-25 के दौरान मौद्रिकरण के लिए चिन्हित की गई प्रमुख रेल संपत्तियों में 400 रेलवे स्टेशन, 90 यात्री रेलगाड़ियां, 1400 किलोमीटर लंबी रेल की पटरी, कोंकण रेलवे का 741 किलोमीटर लंबा हिस्सा, 15 रेलवे स्टेडियम और चयनित रेलवे कॉलोनियां, 265 रेलवे के स्वामित्व वाले माल गोदाम और चार पहाड़ी रेल शामिल हैं। सीतारमण ने छह लाख करोड़ रुपये की राष्ट्रीय मौद्रिकरण योजना (एनएमपी) की घोषणा की, जिसके तहत रेलवे, बिजली से लेकर सड़क जैसे अलग-अलग बुनियादी ढांचा क्षेत्रों में संपत्तियों का मौद्रिकरण किया जाएगा।
चार साल में राजस्व अनुमान
चार साल की अवधि में रेलवे स्टेशनों और यात्री रेलों के परिचालन को निजी हाथों में देने से क्रमश: 76,250 करोड़ रुपये और 21,642 करोड़ रुपये की प्राप्ति होगी। माल परिवहन के लिए समर्पित गलियारे के मौद्रिकरण से 20,178 करोड़ रुपये, वहीं पटरी, सिग्नल और पटरियों के ऊपर लगने वाले उपकरणों संबंधी इनविट से 18,700 करोड़ रुपये प्राप्त होने का अनुमान है। कोंकण रेलवे से 7,281 करोड़ और पहाड़ों पर चलने वाली रेलवे के मौद्रीकरण से 630 करोड़ रुपये मिलने का अनुमान है।
चालू वित्त वर्ष में 17180 करोड़ रुपये मिलेंगे
चिन्हित माल गोदामों के मौद्रिकरण से 5,565 करोड़, जबकि रेलवे कॉलोनियों के रिडवलपमेंट से 2,250 करोड़ रुपये मिलने का अनुमान है। वित्त वर्ष 2022-25 की 4 वर्ष की अवधि के दौरान एनएमपी से कुल 1,52,496 करोड़ रुपये की प्राप्ति का अनुमान है। इसमें से 17,180 करोड़ रुपये चालू वित्त वर्ष में, 57,222 करोड़ रुपये अगले वित्त वर्ष (2022-23), 2023-24 में 44,907 करोड़ रुपये और 2024-25 में 32,557 करोड़ रुपये एकत्रित किए जाएंगे।
12,828 करोड़ रुपये की जहाजरानी संपत्ति का मौद्रिकरण होगा
छह लाख करोड़ रुपये की राष्ट्रीय मौद्रिकरण योजना (एनएमपी) के तहत अगले चार वर्षों में 12,828 करोड़ रुपये की जहाजरानी संपत्ति का मौद्रिकरण किया जाएगा। इस मौद्रिकरण में भूमि की बिक्री शामिल नहीं है और यह मौजूदा संपत्तियों के मौद्रिकरण के बारे में है। जहाजरानी संपत्ति मौद्रिकरण परियोजनाओं को बंदरगाह, जहाजरानी और जलमार्ग मंत्रालय द्वारा लागू किया जाएगा और इसके लिए सार्वजनिक निजी भागीदारी (पीपीपी) मॉडल का इस्तेमाल किया जा सकता है।
केंद्रीय बजट 2021-22 में बुनियादी ढांचे के टिकाऊ वित्तपोषण को एक प्रमुख साधन के रूप में परिचालनगत सार्वजनिक बुनियादी ढांचे की संपत्तियों के मौद्रिकरण की पहचान की गयी थी। इस दिशा में बजट में एक राष्ट्रीय मौद्रिकरण पाइपलाइन तैयार करने का भी प्रावधान किया गया। ढांचागत क्षेत्र के मंत्रालयों के साथ विचार-विमर्श कर नीति आयोग ने एनएमपी पर रिपोर्ट तैयार की थी।
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