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नए कर्मचारियों को EPFO में मिलेगा लाभ, सरकार ने लॉन्च की योजना

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण और अन्य शीर्ष अधिकारी गुरुवार को ही इस पैकेज को अंतिम रूप देंगे।

कोरोना काल से पहले एक कार्यक्रम मेें पीएम मोदी और वित्‍त मंत्री न‍िर्मला सीतारमण चर्चा करते हुुुुए।- India TV Paisa Image Source : FILE PHOTO कोरोना काल से पहले एक कार्यक्रम मेें पीएम मोदी और वित्‍त मंत्री न‍िर्मला सीतारमण चर्चा करते हुुुुए। (च‍ित्र प्रतीकात्‍मक)

नई दिल्‍ली। ऐसे कर्मचारी जिन्हें अक्तूबर के दौरान नौकरी लगी है, उनके लिए अच्छी खबर है। केंद्र सराकर ने ऐसे कर्मचारियो ं के लिए आत्मनिर्भर भारत रोजगार योजना  लॉन्च की है जिसके तहत, अक्तूबर और इसके बाद नौकरी पाने वाले लोगों को कर्मचारी भविष्य निधी के लिए सरकार अपनी जेब से पैसा देगी। 

वित्त राज्यमंत्री अनुराग ठाकुर ने बताया कि केंद्र सरकार अगले 2 वर्षों तक जिन कंपनियों को इस योजना के तहत लाभ देने वाली हैं उसमें 2 श्रेणियां हैं, एक तो जिस संस्था में 1000 से कम कर्मचारी हैं उन संस्थाओं में काम करने वाले पात्र कर्मचारियों के हिस्से की EPFO कंट्रीब्यूशन का कर्मचारी के हिस्से का 12 प्रतिशत और कंपनी के हिस्से का 12 प्रतिशत खर्ज केंद्र सरकार उठाएगी। यानि 1000 से कम कर्मचारियों वाली कंपनी के नए कर्मचारियों के खाते में EPFO का 24 प्रतिशत खर्च केंद्र सरकार उठाने जा रही है। दूसरी श्रेणी में ऐसी कंपनियां आती हैं जिनके यहां 1000 से ज्यादा कर्मचारी हों। ऐसी कंपनियों में केंद्र सरकार सिर्फ कर्मचारी के हिस्से का 12 प्रतिशत खर्च उठाएगी। इसमें पात्र बनने के लिए केवल आधार के साथ ईपीएफो खाता खुलवाना पड़ेगा। यह सुविधा 2 वर्षों तक लागू रहेगी। लगभग 95 प्रतिशत संस्थाएं इसमें कवर हो जाएंगी और लगभग सभी संगठित क्षेत्र के लोग इसमें लाभ उठा पाएंगे। देश के करोड़ों कर्मचारियों को इसमें लाभ मिलने वाला है

प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान अनुराग ठाकुर ने बताया कि सरकार ने अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाने के लिए अबतक जो कदम उठाए हैं, उनके परिणाम सामने आना शुरू हो गए हैं, उन्होंने बताया कि, अक्तूबर के दौरान देश में ऊर्जा की खपत 12 प्रतिशत बढ़ी है, जीएसटी कलेक्शन 10 प्रतिशत बढ़ा है, बैंक क्रेडिट, रेलवे ट्रांस्पोर्ट बढ़े हैं और साथ में शेयर बाजार रिकॉर्ड हाई पर है। अनुराग ठाकुर ने बताया कि मार्केट कैपिटलाइजेशन भी रिकॉर्ड स्तर पर है, एफडीआई नेट इन्वेस्टमेंट बढ़ा है, विदेशी मुद्रा भंडार बढ़ा है। 

बुधवार को ही सरकार ने 10 सेक्टर्स के लिए करीब 2 लाख करोड़ रुपये के प्रोडक्शन लिंक्ड इनसेंटिव्स (पीएलआई) की घोषणा की है। कोरोना संकट से अभी देश को मुक्ति मिलती नहीं दिख रही। सूत्रों के मुताबिक अगले राहत पैकेज में दो मुद्दों पर खास फोकस रहने वाला है। पहला मुद्दा है रोजगार। ज्यादा से ज्यादा लोगों को रोजगार कैसे दिया जाए इस पर इस राहत पैकेज में खास फोकस हो सकता है। इसके लिए सरकार पीएफ (प्रोविडेंड फंड) के जरिये 10 प्रतिशत सब्सिडी देने का ऐलान कर सकती है। यानी जो नए कर्मचारी होंगे उनके पीएफ का 10 प्रतिशत हिस्सा सरकार देगी और नियोक्‍ता का जो योगादान होता है उसमें भी सरकार 10 प्रतिशत हिस्सा देगी। सरकार के अगले ऐलान में इस तरह का राहत पैकेज दिया जा सकता है। इसको सरकार प्रधानमंत्री रोजगार प्रोत्साहन योजना के तहत नए रूप में पेश कर सकती है।

दूसरे कदम के तहत सरकार केवी कामथ कमेटी द्वारा पहचाने गए सभी 26 दबाव और परेशानी से गुजर रहे सेक्टर्स के लिए इमरजेंसी क्रेडिट का प्रावधान कर सकती है। इसके अलावा अलग-अलग सेक्टर के लिए अलग-अलग राहत प्रावधान भी किए जा सकते हैं। गौरतलब है कि कैबिनेट ने बुधवार को ही 10 सेक्टर्स में प्रोडक्शन लिंक्ड इंसेंटिव्स लागू करने की भी मंजूरी दी है।

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