महंगे पेट्रोल-डीजल का समझिए पूरा गणित, राहत के लिए मोदी सरकार ने उठाया ये कदम
भारत ने बुधवार को सऊदी अरब और अन्य वैश्विक तेल उत्पादकों से कच्चे तेल के उत्पादन में कटौती का स्तर कम करने की अपील की है।
नई दिल्ली। पेट्रोल-डीजल की रिकॉर्ड ऊंची कीमतों से पूरा देश बेहाल है। देश के कई स्थानों पर पेट्रोल 100 रुपये से ऊपर बिक रहा है। अंतरराष्ट्रीय बाजार में तेल महंगा होने से घरेलू बाजार में भी कीमतों में निरंतर इजाफा हो रहा है। 1 फरवरी को पेश हुए बजट में नया एग्रीकल्चर इंफ्रास्ट्रक्चर एंड डेवलपमेंट सेस की घोषणा से लेकर अबतक पेट्रोल 3.75 प्रतिशत और डीजल 4.5 प्रतिशत महंगा हो चुका है। एक फरवरी से अबतक पेट्रोल और डीजल की कीमत 11 बार बढ़ाई गई है और इस दौरान पेट्रोल में 3.24 रुपये प्रति लीटर और डीजल में 3.47 रुपये प्रति लीटर की बढ़ोतरी हुई है।
16 फरवरी को दिल्ली में पेट्रोल-डीजल की कीमतें (रुपये/लीटर)
विवरण | पेट्रोल | डीजल |
बेस प्राइस | 31.82 | 33.46 |
परिवहन व अन्य खर्च | 0.28 | 0.25 |
उत्पाद शुल्क (केंद्र सरकार) | 32.90 | 31.80 |
वैट (राज्य सरकार) | 20.61 | 11.68 |
डीलर कमीशन | 3.68 | 2.51 |
खुदरा मूल्य | 89.29 | 79.70 |
स्रोत: IOCL
भारत ने ओपेक देशों से तेल उत्पादन में वृद्धि का किया आग्रह
अपने देशवासियों को महंगे ईंधन से राहत दिलाने के लिए दुनिया के तीसरे सबसे बड़े तेल उपभोक्ता देश भारत ने बुधवार को सऊदी अरब और अन्य वैश्विक तेल उत्पादकों से कच्चे तेल के उत्पादन में कटौती का स्तर कम करने की अपील की है। भारत ने कहा है कि अंतरराष्ट्रीय बाजार में तेल महंगा होने से आर्थिक पुनरुद्धार और मांग प्रभावित हो रही है। पेट्रोलियम मंत्री धर्मेन्द्र प्रधान ने कहा कि अगले कुछ महीनों तक तेल कीमतों के बजाए मांग में पुनरुद्धार को प्राथमिकता दी जानी चाहिए। सऊदी अरब के फरवरी और मार्च में स्वेच्छा से 10 लाख बैरल प्रतिदिन की कटौती की घोषणा के बाद से अंतरराष्ट्रीय बाजार में तेल के दाम में तेजी आ रही है।
सऊदी अरब ने तेल निर्यातक देशों के संगठन (ओपेक) और रूस समेत सहयोगी देशों (ओपेक प्लस) के साथ समझौते के तहत यह कदम उठाया है। इससे तेल कीमत 63 डॉलर प्रति बैरल पहुंच गई है, जो एक साल का उच्चतम स्तर है। इससे भारत में खुदरा मूल्य 100 रुपये लीटर से ऊपर निकल गया है। उन्होंने कहा कि भारत ने मुद्रास्फीति दबाव को कई मोर्चों पर काबू में किया है लेकिन कच्चे तेल के कारण उत्पन्न महंगाई पर वह कुछ नहीं कर सकता। उन्होंने कहा कि कीमत को लेकर संवेदशील भारतीय ग्राहक पेट्रोलियम उत्पादों के दाम बढ़ने से प्रभावित है। इससे मांग वृद्धि पर भी असर पड़ रहा है। इससे न केवल भारत में बल्कि दूसरे विकासशील देशों में नाजुक आर्थिक वृद्धि पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ेगा।
पीएम मोदी ने भी कही ये बात
पेट्रोल के दाम 100 रुपये के ऊपर निकलने के बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बुधवार को कहा कि पिछली सरकारों ने देश के ऊर्जा आयात पर निर्भरता में कमी पर ध्यान दिया होता तो मध्यम वर्ग पर इतना बोझ नहीं बढ़ता। प्रधानमंत्री ने कहा कि क्या हमारे देश जैसा एक विविधतापूर्ण और प्रतिभावना देश ऊर्जा आयात पर इतना निर्भर रह सकता है?
प्रधानमंत्री ने कहा कि ऊर्जा के क्षेत्र में आत्मनिर्भर होने के साथ स्वच्छ और हरित स्रोतों पर काम करने की हम सबकी सामूहिक जिम्मेदारी है। उन्होंने कहा कि हमारी सरकार मध्यम वर्ग पर पड़ रहे बोझ को लेलकर चिंतित है। इसीलिए भारत अब पेट्रोल में एथनॉल मिश्रण पर जोर दे रही है। इससे किसानों के साथ-साथ ग्राहकों को भी लाभ होगा। सरकार ने 2025 तक पेट्रोल में एथनॉल मिश्रण 20 प्रतिशत करने का लक्ष्य रखा है जो फिलहाल 8.5 प्रतिशत है।
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